"वैश्विक स्वास्थ्य समस्याएं: कोविड-१९ के बाद की चुनौतियाँ"
जब से कोविड-१९ का आगमन हुआ है दुनियाँ ना केवल इस बीमारी के नित नए वेरिएंट से होने वाली परेशानियों से जुझ रही है बल्कि आर्थिक और अन्य तरह की भी कई लाचारी को भी झेल रही है|
इस बीमारी की चपेट से बचने के लिए विश्व के सभी देशों ने अपने योगदान किया | सभी का यह यथासंभव प्रयास था कि इस बीमारी के विषय में हम ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों |
इस लेखमें हम जानते हैं कि कोविड-19 के बाद हमें किन चुनौतियां का सामना करना पड़ा हैं -
1. स्वास्थ्य विपरीतताएँ: हम सभी के अंदर इस वायरस का संक्रमण हो चुका है किन्तु कोविड-19 संक्रमण के बाद, कुछ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि थकान, श्वासन की समस्याएँ, दिल की बीमारियाँ, आदि।
2. मानसिक स्वास्थ्य: कोविड-19 के दौरान और उसके बाद, लोगों को मानसिक तनाव, डिप्रेशन, और अधिकतम दबाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं| आप अपने खान पान को सुधार कर इस प्रकार की परेशानियों को कम कर सकते हैं|
3. सामाजिक संबंध: अलगाव और सोशल डिस्टेंसिंग के बढ़ते चलन के कारण, लोगों को सामाजिक संबंधों को पुनः स्थापित करने में कठिनाई हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बातचीत के माध्यम से उन्हें अपने करीब लाने का प्रयास करें|
4. आर्थिक समस्याएँ: कोविड-19 के बाद सबसे प्रमुख जो समस्या आई है वह है विश्व की आर्थिक समस्या , वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों के कारण, लोगों को आर्थिक संबंधों में संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, लोगों को संबंधित संसाधनों और समर्थन की खोज करने की आवश्यकता होती है। इस बीमारी की चपेट से बचने के लिए विश्व के सभी देशों ने अपने योगदान किया | सभी का यह यथासंभव प्रयास था कि इस बीमारी के विषय में हम ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों | वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के माध्यम से कई प्रकार की सुबिधा दी गई है| वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) का अर्थ है कि सभी व्यक्तियों और समुदायों को वित्तीय कठिनाइयों से पीड़ित हुए बिना स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों।
इसमें रोकथाम के लिए स्वास्थ्य संवर्धन, उपचार, पुनर्वसन और पीड़ाहारक देखभाल से आवश्यक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सम्मिलित हैं। यूएचसी सभी को स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करवाने में सक्षम बनाता है जो रोग और मृत्यु के सबसे महत्त्वपूर्ण कारणों से संबंधित है और यह सुनिश्चित करता है कि इन सभी सेवाओं की गुणवत्ता उन लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए पर्याप्त हो, जो इन्हें प्राप्त करते हैं।
स्वयं की जेबों से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भुगतान करने के आर्थिक परिणामों से लोगों की सुरक्षा करना, इस ख़तरे को कम करता है कि लोग गरीबी में धकेल दिए जाएंगे, क्योंकि अनपेक्षित बीमारी के कारण उन पर जीवन की बचत उपयोग करने, संपत्तियां बेचने या कर्ज़ लेने, यहाँ तक की अपने और कभी-कभी अपने बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की भी की नौबत आ जाती है। यूएचसी की ओर प्रगति करने वाले देश अन्य स्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों और अन्य लक्ष्यों की ओर भी प्रगति करेंगे।