पुराने ज़माने के राजा महराजा तांबे के बर्तन में  पानी रखकर प्रयोग किया करते थे जैसा कि यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, साथ ही यह डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को भी नहीं पनपने देता है | एक शोध के द्वारा यह साबित किया जा चूका है कि तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या से निजात मिलती है | इतना ही नहीं यह ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

 

तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है।

 

अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि‍ करते हैं। तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व भी पाए जाने की पुष्टि हुई है।अगर आप पेट से सम्बंधित किसी प्रकार की समस्या से पीड़ित हैं तो पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद माना गया है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करके पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात पाया जा सकता है |  इतना ही नहीं शरीर की आंतरिक सफाई के लिए भी तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी बहुत लाभप्रद होता है।आयुर्वेद के अनुसार, पेट के हर प्रकार के  रोग मिटाने के लिए रात भर तांबे के बर्तन में रखे पानी को सुबह खाली पेट पीना चाहिए। तांबे में भरपूर मात्रा में मौजूद मिनरल्स थॉयराइड की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। थॉयराइड ग्रंथि‍ के सही क्रियान्वयन के लिए तांबा बेहद उपयोगी माना गया है। साथ ही तांबे में उपस्थि‍त एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व असमय बढ़ती उम्र के निशान को कम करके व्यक्ति को जवां बनाए रखता है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल में भी लाभदायक है, जो त्वचा को झुर्रियों, बारीक लाइनों और दाग-धब्बों से बचाकर स्वस्थ और जवां बनाए रखता है।

 

 तांबे के पानी का उपयोग करने से इसे कुछ हद तक रोका जा सकता है।

 

अगर किसी को एनीमिया की समस्या हो तो उन्हें तांबे के बर्तन में रखा पानी का उपयोग करना चाहिए ,यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख कर  एनीमिया से निपटने का काम करता है| 

 

तांबे से बने बर्तनों का उपयोग करते हैं तो रखें ये सावधानी :

किन्तु कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है जैसे - ताम्रपात्र को कभी भी जमीन पर न रखें वरना आपको इसका कोई भी लाभ नहीं मिलेगा।वैसे तो तांबे के बर्तन में रखा पानी दिन में किसी भी समय पीया जा सकता है, लेकिन इसे सुबह खाली पेट पीना सबसे अच्‍छा माना जाता है| इस पानी को पीने के लिए इसे रात में तांबे के  बर्तन में भरकर किसी लकड़ी के पाटे या मेज पर रखें| आप कम से कम इसे 7 से 8 घंटे तक बर्तन में ही रखकर छोड़ दें|  ताकि इसमें तांबे के गुण आ जाएं|  सुबह उठकर  खाली पेट इस पानी को घूंट-घूंट करके पीएं|

 

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे

 

तांबे से बने बर्तनों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस बर्तन के अंदर वाले हिस्सों में कॉपर ऑक्साइड की परत (हरे रंग की) जमने लगती है, इसलिए अंदरूनी तले को अच्छे से साफ करना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। तांबे के बर्तन में पानी रखने पर जो रासायनिक क्रिया होती है उसी वजह से कॉपर ऑक्साइड की परत जम जाती है।


 

अगर आप भी फायदे के लिए पी रहे हैं तांबे के बर्तन में रखा पानी तो नुकसान के विषय में भी जान लें :

अगर किसी व्‍यक्ति को पहले से ही एसिडिटी या पेट में अल्‍सर की परेशानी हो तो गर्मियों में तांबे के बर्तन में रखा पानी को पीने से परहेज करना चाहिए| एसिडिटी के मरीज को कभी भी इस पानी का सेवन नहीं करना चाहिए वरना एसिडिटी ट्रिगर हो सकती है| जिनके पेट में अल्‍सर की समस्‍या हो, उन्‍हें भी इस पानी का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है | 

 

पेट के समस्याओं में फायदेमंद

 

जो लोग  विल्‍सन डिजीज की समस्या से  जूझ रहे हैं, उन्हें भी तांबे के बर्तन में रखे पानी के उपयोग नहीं करने की हिदायत दी जाती है , वरना दिक्‍कत गंभीर रूप ले सकती है| साथ ही अगर किडनी या हार्ट के मरीज हैं तो इस पानी को पीने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें| ध्यान रखें कि सामान्‍य व्यक्ति अगर गर्मियों में रोजाना दिनभर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं, वे 7 से 8 घंटे चार्ज किया हुआ पानी पूरे दिन न पीएं|  इससे  शरीर में गर्मी बढ़ेगी और कई तरह की सेहत से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं | गर्मी के मौसम में आप इस पानी को ज्यादा से ज्यादा दिन में दो बार पी सकते हैं| पानी के अलावा खाने पीने की कोई भी चीज तांबे के बर्तन में डालकर प्रयोग न करें। खासकर दूध, दूध से बनी चीजें और खट्टी चीजें। ये विषाक्त हो सकती हैं। इससे फूड पॉयजनिंग भी हो सकती है।