विश्व मधुमेह दिवस , मधुमेह कारण, लक्षण, बचाव
आजकल के बदलते जीवनशैली के कारण मधुमेह यानी डायबिटीज की समस्या विश्व में एक बड़ी चिंता के रूप में उभर कर सामने आ रही है | भारतीय युवा आबादी भी मधुमेह से ग्रसित हो रहे हैं | और सबसे चिंता जनक बात यह है कि यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है | विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। मधुमेह सभी परिवारों को प्रभावित करता है। मधुमेह दिवस का मुख्य उद्देश्य मधुमेह रोग के बारे में लोगों में जागरूक करना है।दुनियां भर में लगभग 415 मिलियन लोग मधुमेह से ग्रसित हैं मतलब प्रत्येक 11 वयस्कों में से एक व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है।विश्व मधुमेह दिवस की शुरुआत 1991 में इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन और फिर विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा डायबिटीज से बनती चिंताजनक स्थिति को देखते हुए किया गया |
जिसका मुख्य उद्देश्य जागरूकता फैलाना था | तब से लेकर हर साल 14 नवंबर के दिन लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करने के लिए डायबिटीज दिवस मनाया जाने लगा | विश्व मधुमेह दिवस दुनिया का सबसे बड़ा जागरूकता अभियान है |इस दिन डायबिटीज की खतरनाक दस्तक के बारे में लोगों को बताया जाता है । इसमें 160 से भी ज्यादा देश शामिल हैं | मधुमेह दिवस साल भर मधुमेह से जुड़े मुद्दों के लिए यह एक वैश्विक मंच प्रदान करता है | इसके अलावा रोग के खिलाफ ठोस कार्रवाई के महत्व को बढ़ाने का काम भी विश्व मधुमेह दिवस द्वारा होता है| 2007 मे इस अभियान को नीले लोगो से दर्शाया गया था ,संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पारित करने के बाद इसे अपनाया गया था | यह डायबिटीज की बीमारी के जवाब में वैश्विक समाज की एकता को प्रदर्शित करता है , इसलिए एक समर्पित विषय के साथ हर साल मधुमेह दिवस कैंपेन चलाया जाता है और मधुमेह के प्रति जागरूकता ही इस दिवस और अभियान का मुख्य लक्ष्य रखा गया है | हर साल इस अभियान के चलते कई लोगों का ध्यान डायबिटीज जैसी बीमारी और उससे जुड़े कई अहम सेहत के मुद्दों पर जाता है|विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा यह निष्कर्ष निकाला गया है कि इंसुलिन की खोज के 100 साल बाद भी दुनिया भर में मधुमेह से पीड़ित लाखों लोग अब भी जरुरी उपचार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं| मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को अपनी स्थिति का प्रबंधन करने और जटिलताओं से बचने के लिए निरंतर देखभाल और सहायता की आवश्यकता होती है|
मधुमेह प्रकार कारण, लक्षण, बचाव
मधुमेह को एक क्रोनिक रोग कहा गया है, जिसमें व्यक्ति की रक्त शर्करा उच्च (हाइपरग्लेसीमिया) हो जाती है या शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता हैं ,ऐसा भी हो सकता है कि शरीर इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर प् रहा है | इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है | यह ऊर्जा बनाने के लिए शरीर की कोशिकाओं द्वारा उपयोग किए जाने के लिए ग्लूकोज (कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ को ग्लूकोज में विभाजित करता है) में मदद करता है| लंबी अवधि में हाइपरग्लेसेमिया शरीर की क्षति और विभिन्न अंगों एवं ऊतकों की विफलता के साथ जुड़ा होता है |
आमतौर पर मधुमेह के तीन प्रकार हैं :
टाइप 1 डायबिटीज, जिसमें इम्यून सिस्टम इंसुलिन पैदा करने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है।
- टाइप 2 डायबिटीज, जिसमें मानव शरीर में पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो पाती है। टाइप 2 मधुमेह को अधिक सामान्य मधुमेह माना जाता है और यह गतिहीन जीवन शैली और मोटापे जैसे कारकों के संयोजन के कारण होता है। यह किसी व्यक्ति में तब भी उत्पन्न हो सकता है जब वह बहुत तनाव में रहता हो |
- तीसरी गर्भावधि डायबिटीज, जो गर्भावस्था के दौरान पता चलती है और हो सकती है। इसमें माता और बच्चे दोनों को जटिलताएं होती हैं। गर्भावस्था के दौरान स्त्रियों में होने वाले कई हार्मोनल परिवर्तन के कारण गर्भकालीन मधुमेह होता है।
मधुमेह के मुख्य कारण यह माना गया है |
- इंसुलिन की कमी होने पर मधुमेह होने की संभावना अधिक पाए जाते हैं |
- अगर परिवार में किसी व्यक्ति को मधुमेह हो तो भी इसकी संभावना बनी रहती है |
- बढ़ती उम्र के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तन भी मधुमेह के लिए जिम्मेवार माना जाता है |
- अगर कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई रहता हो तो भी व्यक्ति को सचेत होने की सलाह दी जाती है |
- अगर आप आराम पसंद हैं और एक्सरसाइज ना करने की आदत है ,आपका वजन ज्यादा है तो यह भी मधुमेह होने का कारण हो सकता है |
- किसी व्यक्ति में उत्पन्न हार्मोन्स का असंतुलन भी मधुमेह होने का कारण हो सकता है |
- हाई ब्लड प्रेशर रहने के वजह से भी मधुमेह की बीमारी हो सकती है |
- सबसे प्रमुख कारण आपके खान-पान की ग़लत आदतें हैं जो आप को इस बीमारी के चपेट में लेते हैं |
मधुमेह के कुछ सामान्य लक्षण
मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बढ़े हुए रक्त- शर्करा के अनुसार उसमें मधुमेह के लक्षण दिखाई देते हैं| ऐसा पाया गया है कि अगर व्यक्ति प्री डायबिटीज या टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित हो तो, समस्या की शुरूआत में लक्षण दिखाई नहीं पड़ते हैं,क्यूंकि यह बहुत ही सामान्य तरह कि मधुमेह होता है लेकिन, टाइप-1 डायबिटीज के मरीज़ों में मधुमेह के लक्षण बहुत तेजी से प्रकट होते हैं और ये काफी गंभीर माने जाते हैं | टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य लक्षण ये हो सकते हैं-
– बहुत अधिक प्यास लगना |
– बार-बार पेशाब आना |
– जरुरत से ज्यादा भूख लगना |
– अचानक से शरीर का वजह कम हो जाना या बढ़ जाना
– हमेशा थकान का अनुभव होना |
– छोटी बातों पे भी चिड़चिड़ापन होना |
– अक्सर आंखों के आगे धुंधलापन छा जाना |
– घाव भरने में बहुत अधिक समय लगना |
– अक्सर स्किन इंफेक्शन होना |
– ओरल इंफेक्शन्स होना |
– एवं वजाइनल इंफेक्शन्स होना |
मधुमेह से बचाव कैसे करें ?
मधुमेह के प्रति जागरुकता को ही बचाव माना गया है | अगर आप किसी भी मर्ज के प्रति जागरूक नहीं हैं तो उस बीमारी का सही तरीके से निवारण नहीं कर पाएंगे | अगर कोई व्यक्ति मधुमेह बीमारी से बचाव के कारण और समय रहते जानकारियां हासिल कर लेता है तो वह पूर्ण रूप से मधुमेह बीमारी के असर को कम कर सकता है | बचाव के लिए भी हमें जागरूक होने और जानकारियां हासिल करने की जरूरत होती है | ताकि हम सही समय पर क्या परहेज करना है यह जान सके | मधुमेह में कई खाद्य पदार्थ को वर्जित माना जाता है ,अभी भी कई खाद्य पदार्थ इस भ्रम से जूझ रहे हैं कि क्या मधुमेह बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लिए उनका सेवन सहीहै या गलत ऐसे में जागरूकता की कमी के कारण हम अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ गलतियां कर जाते हैं | मधुमेह के बारे में जागरूक होना ही बचाव का पहला और मुख्य कदम है | माना जाता है की मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति अगर अपने जीभ को वश में कर ले तो इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है ,किन्तु अगर व्यक्ति अपने खाने की आदत को नहीं सुधर सकता तो यह बीमारी थोड़ी गंभीर भी हो सकती है |
कुछ घरेलु नुस्खे को अपना कर भी मधुमेह बीमारी को रोका जा सकता है :
कच्चे टमाटर या टमाटर का सूप का सेवन मधुमेह के लिए बहुत अच्छा माना गया है |
रात में सोने से पहले शहद के साथ त्रिफला चूर्ण लेने से आराम मिलता है|
आँवले का काढ़ा बनाकर और उसमें हल्दी एवं शहद मिलाकर पीने से मधुमेह की बीमारी को रोका जा सकता है|
2 या 3 चम्मच शहद को मिलाकर शरबत जैसा पीने पर आराम मिलता है.
सुबह खाली पेट ताजे और कोमल बेल पन्नों का रस निकालकर २ या ३ चम्मच पीने से मधुमेह में आराम मिलता है.
वैसे तो मधुमेह में केले खाना वर्जित है किन्तु कच्चे केले की सब्जी खाने से मधुमेह दूर होता है |
सुबह-सुबह खाली पेट १० या १५ कोमल नीम की पत्तियाँ चबायें |
करेले के पत्तों या करेले का रस प्रतिदिन सुबह खली पेट पिने से भी आराम मिलता है|
जामुन मधुमेह के रोगी के लिये सर्वोत्तम दवाई है|
आधा कप मैथी का रस हर दिन पीने से मधुमेह रोग से मुक्ति मिलती है |
नियमित रूप से मुली का सेवन भी मधुमेह रोग को समाप्त करती है |
पिसी हुई हल्दी को आप शहद में मिलाकर इसका सेवन करें |
मैथी के दानों में त्रिफला चूर्ण बराबर मात्रा में मिलकर हर सुबह 2 चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ ले|
आप अपने चिकित्सक की सलाह लेकर ही इन नुस्खों को आजमाएं |