प्रश्न  -   थायराइड क्या है? 

थायराइड को हम एक बीमारी नहीं कह सकते यह बीमारी नहीं, बल्कि गले में आगे की तरफ पाए जाने वाली एक तितली के जैसी ग्रंथि होती है।  यही ग्रंथि शरीर की विभिन्न जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। यह भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। थायराइड ग्रंथि टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन और टी4 यानी थायरॉक्सिन हार्मोंन का निर्माण करती है। इन हार्मोंस का सीधा असर सांस, हृदय गति, पाचन तंत्र और शरीर के तापमान पर पड़ता है। साथ ही ये हड्डियों, मांसपेशियों व कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करते हैं। इन  हार्मोंस में  असंतुलन उत्पन्न होने से हमारा  वजन कम या ज्यादा होने लगता है, इसे ही थायराइड की समस्या कहते हैं| यह समस्या बहुत तेजी से फ़ैल रहा है ,यहाँ तक की केवल हमारे देश भारत में  लगभग ४ करोड़ व्यक्ति थायराइड से ग्रसित हैं | जो बहुत ही चिंता की बात है | ऐसा माना जाता है की  थायराइड  दुनिया भर में बहुत सारे लोगों को रहती  है लेकिन इस बीमारी के इतना आम होने के बाद भी काफी सारे लोगों को थायराइड के बारे में जानकारी नही होती है उनमें से कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जिनको ये बीमारी पहले से ही होती है लेकिन उन्हें मालूम नहीं होता है। क्यूंकि इस बीमारी का असर कुछ ज्यादा पता नहीं चलता ,अक्सर थायराइड ग्रंथि के असंतुलन से होने वाले सरदर्द और बढे हुए वजन को आम समस्या मान लेते हैं | मुख्य रूप से थायराइड ग्रंथि में पाए जाने वाले असंतुलन का कारण  अस्वस्थ खान-पान व तनावपूर्ण जीवन को ही माना गया है | 

थायराइड के कितने प्रकार हैं और इसके  क्या - क्या विभिन्न लक्षण होते  हैं?

थायराइड मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं :

1.हाइपोथायरायडिज्म - हाइपोथायरायडिज्म होने पर थायराइड ग्रंथि कम मात्रा में थायरोक्सिन हॉर्मोन ही बना पाता है इस से हमारे शरीर की पाचन क्रिया प्रभावित होती है | परिणामस्वरूप रोगी का वजन अचानक से बहुत बढ़ने लगता है ,बिना कुछ कार्य किये ही उन्हें थकावट का अनुभव होते रहता है | रोगी को  ज्यादा ठंडक लगने का भी अक्सर अनुभव होता है  ,इसके अलावा और भी परेशानी जैसे - जोड़ो में सूजन होना,बालों का झड़ना ,त्वचा में रूखापन होना ,लड़कियों और महिलाओं के पीरियड्स में परेशानी होने जैसी समस्याये उत्पन्न हो सकती हैं  | 

2 . हाइपरथायरॉइडज्म - जब हमारा थायराइड ग्रंथि ज्यादा मात्रा में हॉर्मोन्स बनाने लगता है ,उस स्थिति को हाइपरथायरॉइडज्म के रूप में  जाना जाता है| हाइपरथायरॉइडज्म के रोगी का वजन बहुत जल्दी कम होने लगता है,अधिक मात्रा में थायरोक्सिन हॉर्मोन बनने के  कारण रोगी के दिल की  धड़कन अक्सर तेज हो जाती हैं ,उन्हें बहुत भूख भी लगती है इसके अलावा और भी कई परेशानी जैसे - ज्यादा गर्मी लगना ,ज्यादा पसीना आना,बेचैनी के साथ ही नींद न आने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है |  

थायराइड के कई सारे लक्षण पाए गए हैं ,इनमें से कुछ तो साधारण परेशानी ही उत्पन्न करते हैं ,किन्तु कई गंभीर परेशानी के कारक भी हो सकते हैं, :

कब्ज

थकावट

तनाव

रूखी त्वचा

वजन का बढ़ना या कम होना

पसीना आना कम होना

ह्रदय गति का कम होना

उच्च रक्तचाप

जोड़ों में सूजन या दर्द

पतले और रूखे-बेजान बाल

याददाश्त कमजोर होना

मासिक धर्म का असामान्य होना

प्रजनन क्षमता में असंतुलन

मांसपेशियों में दर्द

चेहरे पर सूजन

समय से पहले बालों का सफेद होना,ये कुछ खाश लक्षण हैं जो यह बताता है की आप की थायराइड ग्रंथि भी सही प्रकार से कार्य नहीं कर पा रहा है | 

थायराइड के लिए कुछ असरदार घरेलू उपचार :

वैसे तो आप को थायराइड की रोकथाम के लिए दवाओं का सेवन करना ही पड़ेगा ,साथ में  कुछ ऐसे घरेलू उपाय भी आप आजमा सकते हैं जिसका कोई दुष्प्रभाव आप के सेहत पर नहीं पड़े | आमतौर पर यह देखा गया है की आयोडीन का सेवन बढ़ाने, प्रोटीन, विटामिन ए, एप्पल साइडर सिरका, चीनी मुक्त आहार, बादाम, अदरक, डेयरी उत्पाद, सूरज की रोशनी लेने से थायराइड को ठीक किया जा सकता है। 

विटामिन ए की मात्रा बढ़ाने के लिए आप अपने भोजन में पीले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इसके साथ ही आप , अंडे, गाजर, और अन्य हरी सब्जियों को भी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में खाने का प्रयास करें इनमें विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है और यह थायराइड से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी  है।साथ ही  प्याज, स्ट्रॉबेरी, लहसुन, अनानास, टमाटर, शतावरी, प्याज, और जई जैसे खाद्य पदार्थ जो आयोडीन के आर्गेनिक स्रोत हैं जिनका आप नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं।आयोडीन का उचित मात्रा में सेवन कर के भी आप थायराइड की समस्याओं को कम कर सकते हैं | रोजाना ५-६ बादाम का सेवन करने  से भी थायराइड की समस्या से निजात मिल सकता है यह प्रोटीन, मिनरल्स और फाइबर का भी एक समृद्ध स्रोत हैं।अलसी के  बीज को थायराइड का अचूक इलाज कहा गया है |शोध में यह पाया गया  है की यह विटामिन बी 12 और मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत हैं जो हाइपोथायरायडिज्म से लड़ने में मदद करता है।

कई प्रकार के शोध से यह निष्कर्ष निकला है की अगर आप एक गतिहीन जीवन शैली जीने के आदि हैं और आप को  थायरॉयड की समस्या  हो चुकी है ,तो आप को सबसे पहले नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत डालना पड़ेगा अन्यथा आप को कभी भी  थायरॉयड की समस्याओं से छुटकारा  नहीं  मिल सकता । नियमित रूप से व्यायाम करना इस लिए भी जरुरी होता  है क्योंकि यह आपके शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ावा देने में सहायक  है।थायराइड की रोकथाम के लिए यह भी आवश्यक माना गया है कि भोजन को धीरे-धीरे चबा कर  खाना चाहिए , जिससे भोजन को उचित पाचन में मदद मिलता है और शरीर में मेटाबोलिक प्रक्रियाओं को बढ़ाता है।यह  सबसे प्रभावी घरेलू उपाय है।

थायरॉयड की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सेब का सिरका आप की बहुत मददगार साबित हो सकता है ,यह विषहरण(डेटॉक्सिफिकेशन) का काम करता है ,यह आप के शरीर में एसिड और अल्कलाइन की  संतुलन को बहाल करता है,आप इसका उपयोग सुबह खाली पेट नियमित रूप से करें , आप गर्म पानी में शहद की कुछ बूंदों के साथ 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाएं  और इस मिश्रण का सेवन प्रतिदिन करें ।थायरॉयड को कम करने के लिए आप अदरक को कच्चे रूप में या चाय के रूप में  भी उपयोग कर  सकते हैं।यह पोटेशियम और मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत है| साथ ही आप अपने आहार में मांस, मछली, अंडे, नट्स जैसे प्रोटीन युक्त भोजन को भी जोड़े जो  थायरॉयड ग्रंथि के कामकाज को बढ़ावा देने और थायरॉयड के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

किन्तु यह ध्यान रखें कि बहुत  प्रभावी होने के बाद भी , कुछ घरेलू उपचारों के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं  जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होते हैं, इसलिए आप इन  घरेलू उपचार का चयन तभी करें जब आप किसी विशेष पदार्थ से एलर्जिक न हों। अधिक मात्रा में किसी भी घरेलू उपचार का उपयोग न करें क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

इन उपायों  को आजमाने के साथ ही  इन  दिशानिर्देशों का पालन करना भी आवश्यक है :

आप एक संतुलित और स्वस्थ आहार बनाए रखें।

ध्यान रखें कि प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जो आम तौर पर चीनी के साथ-साथ प्रेसेर्वटिव्ज़ से भरे होते हैंउनका उपयोग न करें | 

थायरॉयड ग्रंथि के कामकाज को बढ़ावा देने के लिए आप धूम्रपान बंद करें।

 व्यायाम करते समय आप को कम प्रभाव वाले व्यायाम ही करना चाहिए ,जैसे पैदल चलना या टहलना।

आप सर्किट ट्रेनिंग से संबंधित, कार्डियो एक्सरसाइज या वर्कआउट को मॉडरेशन में भी चुन सकते हैं।

अत्यधिक व्यायाम का अभ्यास न करें क्योंकि यह अच्छे से अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।

खुद को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पिएं।

 लाल मांस नहीं खाएं  । हरहाल में खुश रहने की कोशिश करें ,अपने आप को तनाव न दें।