योग क्या है?
आसान शब्दों में योग का अर्थ है जुड़ना।मतलब दो तत्वों को आपस में जोड़ने को योग कहा जाता है। योग की पूर्णता से मानव जीव भाव में रहने के वाबजूद परमात्मा से जुड़कर अपने निजी आत्म स्वरूप में स्थापित हो सकता है । योग करने का शाब्दिक अर्थ बिलकुल साफ है योग करना मतलब एकजुट करना । योग द्वारा मानव कोई भी आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से मन, श्वास और शरीर के विभिन्न अंगों में सामंजस्य बनाना सीखता है।। योग केवल आसनो तक सीमित नही है बल्कि आसनों से कही अधिक है। सरल भाषा में आप कह सकते हैं की यह अपने मन, शरीर और श्वास की देखभाल करने का उत्तम तरीका है ।आप अगर प्रतिदिन योग क्रियायें करते है तो ययह न केवल आपके मन और मानसिक रूप के लिए अच्छा होगा किन्तु आप पाएंगे के शारीरिक रूप से भी आप पहले से श्रेष्ठ हुए है। योग क्रिया के द्वारा आपकी मांसपेशियां को शक्तिशाली बनाया जा सकता है साथ ही इसके माध्यम से आप तनाव से मुक्त रहते है इसके अलावा यदि आप छात्र है तो योग आपके लिए वरदान है आप न केवल पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर लेंगे अपितु आप को अपने पाठ जल्दी याद होंगे क्यूंकि योग क्रिया यादाश्त के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है|
वैसे तो योग के मुख्य चार प्रकार हैं। ये चार हैं - राज योग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग।किन्तु कर्म योग के अनुसार ही हर कोई योग करता है।
योग से बहुत लाभ हैं इसलिए हमें रोज योग का अभ्यास करना चाहिए :
मन को शांत रखने के लिए भी यौगिक क्रियाएं की जाती है | अगर आप योग करते है तो ये आपके मन और मानसिक रूप से अच्छा होता है। योग के जरिए आपकी मांसपेशियां सही प्रकार से काम करती है। यह तन के साथ ही मन का भी व्यायाम है | योग के जरिए आप अपने शरीर को भी तंदुरुस्त रख सकते है, साथ ही आपके मन में आने वाले बुरे ख्यालों को भी योग करके आप रोक सकते हैं । स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मस्तिष्क भी आप योग के अभ्यास से पा सकते हैं|
योग से आप निरोग होंगे: अगर आप निरंतर योग करते हैं तो आप हमेशा निरोग रहेंगे।योग क्रियाओं के द्वारा आप कई बिमारियों से आसानी से निजात पा सकते हैं । यदि आप किसी रोग से परेशान है तो योग के निरंतर अभ्यास के बाद उस बीमारी को हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं।
सबसे मुख्य लाभ यह है की योग के निरंतर अभ्यास से आपका वजन भी कम होता है | योग आपकी मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर को तंदुरुस्त बनाता है, तो वहीं दूसरी ओर योग से शरीर से अतिरिक्त वसा को भी कम किया जा सकता है|
ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों ही योग के निरंतर अभ्यास से कंट्रोल होता है ,योग से आप अपने ब्लड शुगर लेवल को भी काफी कंट्रोल कर सकते हैं और बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल भी काफी कंट्रोल कर सकते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए योग बेहद फायदेमंद है।
योग की महत्ता को कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने इस प्रकार बताया है :
योग करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण उपकरण जो आपको चाहिए होंगे वो हैं आपका शरीर और आपका मन। – रॉडने यी
जब आप सांस लेते हैं , आप भगवान से शक्ति ले रहे होते हैं। जब आप सांस छोड़ते हैं तो ये उस सेवा को दर्शाता है जो आप दुनिया को दे रहे हैं। – बी के एस आयंगर
ध्यान से ज्ञान आता है; ध्यान की कमी अज्ञानता लाती है। अच्छी तरह जानो कि क्या तुम्हे आगे ले जाता है और क्या तुम्हे रोके रखता है, और उस पथ को चुनो जो ज्ञान की ओर ले जाता है। -बुद्ध
सांसें अंदर लो , और ईश्वर तुम तक पहुँचता है। सांसें रोके रहो , और ईश्वर तुम्हारे साथ रहता है। सांसें बाहर निकालो, और तुम ईश्वर तक पहुँचते हो। सांसें छोड़े रहो , और ईश्वर के प्रति समर्पित हो जाओ। – कृष्णामचार्य
कर्म योग में कभी कोई प्रयत्न बेकार नहीं जाता, और इससे कोई हानि नहीं होती। इसका थोड़ा सा भी अभ्यास जन्म और मृत्यु के सबसे बड़े भय से बचाता है।- भगवद गीता
व्यायाम गद्य की तरह है , जबकि योग गति की कविता है। एक बार जब आप योग का व्याकरण समझ जाते हैं ; आप अपने गति की कविता लिख सकते हैं। – अमित रे
एलर्जी को रोकने के लिए ऊर्जा उत्पन्न करें। – बाबा रामदेव
हो सकता है आप बड़े बिजनेसेस और इंटरप्राइजेज को मैनेज करते हों। योग इम्पोर्टेन्ट है क्योंकि ये आपको खुद को मैनेज करना सीखाता है। ये आपकी बॉडी में कम्प्लेट बॅलेन्स लाता है और उसे हेल्दी बनाता है।- बाबा रामदेव
योग आसनों के नाम
अर्ध चन्द्रासन
भुजंग आसन
बालासन (शिशुआसन)
मर्जरी आसन
नटराज आसन
गोमुखासन
हलासन
सेतु बंध आसन
सुखासन
नमस्कार आसन
ताड़ासन
कटि चक्रासन
कोणासन
उष्ट्रासन
वज्रासन
वृक्षासन
दंडासन
अधोमुखी श्वान आसन
शवासन |
प्रत्येक आसन के अलग अलग महत्व है किन्तु इस में से आप को कुछ खाश सरल आसन के बारे में विस्तृत रूप में बताया गया है :
1.ताड़ासन - योग करना बहुत ही आसान है साथ ही इसके बहुत ही लाभ हैं ,ताड़ासन के दैनिक अभ्यास से शरीर सुडौल रहता है और इससे शरीर में संतुलन और दृढ़ता भी आती है।
ताड़ासन योग की विधि :सबसे पहले आप अपने पैरों के मदद से सीधे खड़े हों जाये ।इसके बाद अपने दोनों पैरों के बीच थोडा सा जगह बनायें।
एक लम्बी साँस के साथ अपने पैरों की उँगलियों की मदद से शरीर को थोडा ऊपर उठायें और अपने दोनों हांथों को धीरे-धीरे उपर उठायें। उसके बाद अपने एक हाँथ की उँगलियों से दूसरी हाँथ के उँगलियों को जोड़ें।कम से कम 15-30 सेकंड इस मुद्रा में रहें और अपने शरीर को ऊपर की और खींचें।उसके बाद धीरे-धीरे अपने हांथों को सामान्य स्तिथि में ले आयें।
2.वीरभद्रासन आसन - इसका नाम भगवान शिव के अवतार, वीरभद्र, एक अभय योद्धा के नाम पर रखा गया। यह आसन हाथों, कंधो ,जांघो एवं कमर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
वीरभद्रासन योग की विधि:सबसे पहले सीधे खड़े हों।दोनों पैरों के बिच 3-4 फीट की दूरी रखें।लम्बी साँस लें और दोनों हांथों को जमीन के समान्तर में ऊपर उठायें और अपने सर को दाएँ तरफ मोड़ें।उसके बाद साँस छोड़ते हुए अपने दाएँ पैर को 90 डिग्री में मोड़ें और हल्का सा दाएँ तरफ मोड़ें।उसके बाद इस पोजीशन में कुछ समय के लिए रुकें।ऐसे 5-6 बार करें।
3.वृक्षासन योग के अभ्यास से तनाव दूर होता है और पैरों एवं टखनों में लचीलापन लाता है।
वृक्षासन योग की विधि :सबसे पहले अपने दोनों हांथों को बगल में रख कर सीधे खड़े हों| उसके बाद ध्यान से अपने दाएं पैर को अपने बाएँ पैर के जांघ पर रखकर सीधे खड़े होकर धीरे-धीरे दोनों हांथों को जोड़ कर ऊपर की ओर ले जाएँ और प्रार्थना की मुद्रा बनाए ।कम से कम 30-45 सेकंड तक इस मुद्रा में रहने की कोशिश करें।
4.त्रिकोणासन योग - मोटापे से परेशान लोगो के लिए यह सबसे सरल और उपयोगी आसन हैं। त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास करने से आपके पेट, कमर, जांघ और नितंब पर जमी अतिरिक्त चर्बी को आसानी से घटाया जा सकता हैं।
त्रिकोणासन योग की विधि :-सबसे पहले सीधे खड़े हों और अपने दोनों पैरों के बीच में जगह बनाए और अपने दाएँ पैर को 90 डिग्री में मोड़ें।
उसके बाद थोडा सा शरीर को भी दाएँ तरफ झुकाते हुए अपने दाएँ हाँथ से अपने दाएँ पैर के उँगलियों को छुएं और बाएं हांथ को ऊपर की और सीधा करके रखें ,इस मुद्रा में 1-2 मिनट तक रुकें|
5.शवासन योग -शवासन को किसी भी योग सेशन के बाद अंतिम आसन के रूप में किया जाता है।शवासन, योग विज्ञान का बेहद महत्वपूर्ण आसन है।
शवासन योग की विधि:-सबसे पहले एक समतल जगह पर दरी बिछा कर ऊपर की और मुहँ करके लेट जाएँ।अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दुरी बनाकर रखें ।उसके बाद कुछ मिनटों के लिए धीरे-धीरे साँस लें और छोड़ें।आमतौर पर योगासन करने के बाद शरीर में जो थकावट आती है उसे दूर करने के लिए शवासन योग किया जाता है