कुछ लोगों का स्वभाव इतना बुरा होता है कि उनसे दूरी बनाने का मन करता है|  ऐसे स्वभाव को टॉक्सिक बिहेवियर कहते हैं|  कब इस तरह के स्वभाववालों से आपको दूरी बना लेनी चाहिए यह बहुत महत्वपूर्ण है| 

निम्नलिखित बिन्दुओं से समझें टॉक्सिक बिहेवियर को: -

  • जब आपको सॉरी कहा जाना चाहिए था लेकिन नहीं कहा गया एवं आपके साथ हुए गलत व्यवहार को किसी ने नहीं माना| 
  • आपको हर बार अपनी बात का बचाव करना पड़ता है आपको कोई अहमियत नहीं दी जाती है| 
  • आप को कमजोर महसूस करवाया जाता है यह दिखाया जाता है कि आप  जिंदगी में कुछ भी नहीं कर पाए और आप किसी काम के नहीं है| 
  • आपके दिल की बात समझने की कोशिश भी नहीं की जाती है और मान लिया जाता है कि आप गलत हैं|  आपका पहनावा हो या बोली, हाथ का बनाया खाना हो याऑफिस के काम करने का अंदाज| 
  • टॉक्सिक बिहेवियर में सिर्फ बहुत बुरे अनुभव शामिल नहीं होते बल्कि टॉक्सिक बिहेवियर वह भी है जो आप सामान्य  मानकर भूल जाते हैं, पर ये बातें आपके मन की गहराई में बैठ जाती है और फिर डिप्रेशन या  तनाव के रूप में बाहर आती हैं|इसलिए टॉक्सिक बिहेवियर को पहचान कर इन्हें जिंदगी से निकाल देने में ही समझदारी है| 
  • शांति बनाए रखने के लिए और द्वंद से बचने के लिए आमतौर पर  महिलाएं ऐसा करती हैं उन्हें लगता है कि किसी तरह से विरोध या द्वंद से बचा जाए इसके लिए भले ही वह खुद को क्यों ना गलत साबित कर दें| लेकिन यह टॉक्सिक बिहेवियर है और इसका असर आत्मविश्वास सोच की क्षमता आदि पर पड़ता है, निर्णय लेने की समझ भी इसकी वजह से प्रभावित होती है. इसलिए बात सही हो तो सही और गलत हो तो गलत कहने का साहस बनाना चाहिए| हमेशा समझौता ही हल नहीं होता कई बार मुद्दे की बात की जाए ये  भी जरूरी होता है|
  • बुरे के साथ बुरा करने की आदत भी टॉक्सिक बिहेवियर है| हमारे आसपास ऐसे बहुत लोग होते हैं जो हम से सिर्फ नकारात्मक व्यवहार ही करते हैं, फिर आप क्या करते हैं? अगर आप पलट कर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करने लगे तो यह आपका टॉक्सिक बिहेवियर है|  इसको समय रहते छोड़ देने में ही भलाई है बुरे के साथ बुरा करने की यह आदत आपको मानसिक रूप से बहुत परेशान किए रहती है जब तक आप बदला नहीं ले लेते  हैं तब तक आप परेशान रहते हैं|  इस आदत को छोड़ दीजिए |  ऐसे लोगों को माफ करने की या प्यार से जीतने की कोशिश की जा सकती है उन्हें अनदेखा करना भी एक विकल्प है| 
  • हमारे आसपास ऐसे बहुत लोग होते हैं जिन्हें दूसरे पर हावी होना पसंद होता है या उनकी आदत होती है इन्हें हमेशा अपनी हर बात सही लगती है और यह चाहते हैं कि बस इन्हीं की बात सुनी जाए|  ऐसे लोगों के लिए अक्सर आसपास के लोग झुक जाते हैं ताकि  अपनी चलाने वाले कोई दिक्कत ना करें| आप भी इसी तरह झुकते हैं तो आपका यह स्वभाव किसी और के लिए नहीं बल्कि आपके लिए टॉक्सिक है आप ऐसे लोगों को की बात मानते मानते कई दफा अपनी समझ भूल जाते हैं आप भूल जाते  हैं कि आप की अपनी एक अलग सोच है| ऐसे में आपके सोचने कि शक्ति प्रभावित होती है और सामान्य बातों के लिए भी दूसरों का सहारा लेना पड़ सकता है|   
  • पीयर प्रेशर को महसूस करना और उसके हिसाब से काम करते रहना भी टॉक्सिक बिहेवियर है| आप भी दूसरों की देखा देखी का बहुत सारे काम करते हैं तो गलत करते हैं | इसका मानसिक नुकसान तो होता ही है व्यवहारिक नुकसान भी होता है | अपनी मर्जी से निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ता है| 

टॉक्सिक बिहेवियर से बचने के लिए यह तरीका अपनाएं

1.खुद को शांत रखें | 

2.जब कोई आप के साथ बुरा वर्ताव करे या मजाक उड़ाने की कोशिश करे तो आप इसे हंसी या मजाक में लेने की कोशिश करें| 

3.अपने व्यवहार से बता दें कि आपको भी सम्मान की जरूरत है किसी को भी किसी भी तरह से आपकी बेज्जती करने का कोई अधिकार नहीं है| 

 

(साइकोलॉजिस्ट शालिनी जैन से बातचीत पर आधारित)