हमारे हिन्दू धर्म के अनुसार गौमाता की सेवा से बढ़कर कोई दूसरा महान पुण्य नहीं है। पुराणों में भी यह कहा गया है कि जो मनुष्य गौ माता के खुर से उड़ी हुई धूलि को सिर पर धारण करता है, वह मानों तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और उसे सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है।
शास्त्रों के अनुसार यदि प्रतिदिन गौ माता के नेत्र के दर्शन किया जाय तो  जीवन में लाभ ही लाभ प्राप्त होता है।
यहाँ हम गौमाता से जुडी कुछ रोचक जानकारियों के साथ आपसे कुछ नियम के बारे में  बता  रहे हैं जिसका पालन करना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा : 

 राह चलते समय अगर आपको  गौ माता आती हुई दिखाई दें तो उन्हें अपने दाहिने से जाने दें,इसका फल आपको तत्काल ही दिखाई देगा ,आप जिस भी कार्य के लिए यात्रा कर रहे हैं आपकी यह यात्रा सफल होगी।
यदि यात्रा की शुरुआत करते समय गौ माता सामने से आती हुई दिखाई दें या बछड़े को दूध पिलाती हुई दिख जाए तो यात्रा सफल एवं संपन्न होती है।
बुरे स्वप्न दोष से पीड़ित व्यक्ति को गौ माता का नाम लेना चाहिए ,कुछ ही दिनों में बुरे स्वप्न दिखने बंद हो जाएंगे। 
 गौ माता के दूध से बने घी का एक अन्य नाम 'आयु' भी है, इसीलिए उसे 'आयुर्वै घृतम्' कहा जाता है। अत: गौ माता के दूध एवं घी का उपयोग करने से व्यक्ति दीर्घायु होने के साथ ही निरोगी भी रहता है |  
हस्त रेखा में आयु (उम्र की) रेखा टूटी हुई हो तो गौ माता का पूजन करें तथा गौ सेवा करें ,साथ ही गाय के घी का  सेवन भगवान के समक्ष दिया जला कर करें ,गाय का घी का उपयोग अन्य कामों में भी करें।
कहा गया है की जिस घर में गौ पालन किया जाता है, वहां का वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है।अगर आप के यहाँ गौमाता की सेवा की जा रही है तो आप की सात पीढ़ियों तक वास्तु दोष या अकाल मृत्यु की कोई भय नहीं होगी |  
अगर किसी व्यक्ति का जीवन पितृ दोष के कारण संघर्षपूर्ण  हो तो उन्हें गौ माता को प्रतिदिन रोटी, गुड़, हरा चारा आदि खिलाना चाहिए इससे उनके जीवन में आनेवाले उतार चढ़ाव ख़तम हो जायेंगे ।अगर प्रतिदिन खिलाना संभव न हो सके तो कोशिश करें की सिर्फ हर अमावस्या के दिन जरूर खिलाएं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोधू‍लि का समय शुभ विवाह के लिए सर्वोत्तम माना गया है। अत: विवाह के समय इस बात का ध्यान रखकर ही शुभ मांगलिक कार्य किए जाए तो जीवन में कभी भी दुखों से सामना नहीं होगा।

भारत में  प्राचीन काल से गाय को माता स्वरूप माना गया है. गोसेवा एवं गौ भक्ति की कथाएँ प्रचलित हैं. गुरु वशिष्ठ के आश्रम में कामधेनु गाय थी जिसके बारे में कहा जाता है कि- कामधेनु से जो भी इच्छा की जाती थी वो उन्हें पूरा करती थी. राजा दिलीप ने नंदिनी गाय की रक्षा के लिए अपना प्राण देना भी स्वीकार कर लिया था. वास्तव में नंदिनी गाय ने ही राजा से गो भक्ति की परीक्षा ली थी. भारत एक महान देश है और इस देश के हर क्षेत्र में गो सेवा की जाती है. हिन्दू धर्म में गाय को माता कहा गया है. आइये जानते हैं हिन्दू धर्म के अनुसार गौमाता का महत्व:- 

  • जो मानव गाय की सेवा करता है उस पर आने वाली हर परेशानी को गौ माता हर लेती है|

  • जिस स्थान पर गौ माता खड़ी रह कर आनंद की सांस लेती हैं, वहां का वास्तु दोष खत्म हो जाता है|

  • गौ माता के खुर मे नाग देवता का वास है, जहां गौ माता विचरण करती हैं वहां सांप और बिच्छू नहीं आते|

  • गौ माता के एक आंख में सूर्य और दूसरी आंख में चंद्र देव का वास होता है|

  • गाय की पूंछ में हनुमान जी का वास होता है. अगर किसी व्यक्ति को बुरी नजर लग गया हो तो गौ माता की पूंछ से झड़वाना चाहिए|

  • एक गाय को चारा खिलाने से ३३ कोटि देवी देवताओं को भोग लग जाता है|

  • गाय के दूध,घी, मक्खन,दही, गोबर, गोमूत्र से बने पंचगव्य से कई असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है|

  • शास्त्रों में बताया गया है कि जिस व्यक्ति का भाग्य रेखा सोई हुई है तो अगर वह अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता के जीभ से चटाएं, गाय की जीभ से हथेली पर रखे गुड़ चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है|

  • गौ माता की रक्षा करने के लिए इस धरती पर कई देवी देवताओं ने अवतार लिया|

  • स्वस्थ गाय का गोमूत्र के रोजाना सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं|

  • गौ माता जिस किसी को वात्सल्य भाव से देखती हैं उसके ऊपर गौ कृपा हो जाता है|

  • काली गाय की पूजा करने से सभी नौ ग्रह शांत हो जाते हैं. जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से मुक्ति मिलती है|

  • शास्त्रों में बताया गया है कि गौ माता मैं तैंतीस कोटि देवी देवताओं का वास है,हम रोजाना मंदिर जा कर हर देवी देवताओं का दर्शन नहीं कर सकते हैं,किंतु अगर रोज अगर गौ माता का दर्शन कर ले तो सभी देवी देवताओं के दर्शन करने का पुण्य प्राप्त हो जाता है|

  • ऐसा माना गया हैं कि कोई शुभ कार्य में अगर रुकावट आ रही हो तो वह काम गौ माता के कान में कह कर गौ माता को ७ रोटी गुड़ के साथ रविवार के दिन खिलाने से कार्य जल्दी ही संपन्न हो जाता है|

  • गौ माता के गले में बंधी हुई घंटी बजने से गौ आरती का पुण्य प्राप्त होता है| इसलिए कहा जाता है कि गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधनी चाहिए|