कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र दोनों पूरी तरह से अलग हैं।

                यदि परिवार का मुखिया या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो मृतक का अगला प्रत्यक्ष कानूनी उत्तराधिकारी जैसे पत्नी /पति/पुत्र /बेटी /माता/ पिता आदि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं, इस प्रमाण पत्र का उपयोग बिजली के कनेक्शन, टेलीफोन का कनेक्शन, पट्टा हस्तांतरण हाउस टैक्स, बैंक खाता, आईटी रिटर्न ,दाखिल करने आदि के हस्तांतरण के उद्देश्य से किया जाता है।

           यदि मृत व्यक्ति शासकीय सेवक है तो कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति अथवा संबंधित आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने के लिए जारी किया जाता है। कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र कई अन्य कारणो से भी प्रदान किया जाता है।

                    उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवश्यकता तब होती है, जब किसी देश में विभिन्न संपत्ति के तहत कोई अचल संपत्ति या चल संपत्ति विरासत में मिलती है। इनमें से ज्यादातर मुद्दे हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत आते हैं, जबकि उनमें से कुछ सामुदायिक अधिनियम या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के अंतर्गत आते हैं ,दोनों श्रेणियों के लिए वादों को सही परिप्रेक्ष्य में जानने  की जरूरत है।

            जिले के तहसीलदार द्वारा जीवित बारिशों की पहचान करने के लिए जिले के  तहसीलदार द्वारा कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं ,और मृत व्यक्ति के कानूनी वारिसों को न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

               उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए केवल कानूनी उत्तराधिकारी ही आवेदन कर सकता है ,लेकिन कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के मामले में मृत व्यक्ति का पुत्र/ पुत्री/ पत्नी/ पति/ माता/पिता आदि आवेदन कर सकते हैं।

            उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज एक मृत व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र, मृत्यु का समय और स्थान सभी कानूनी उत्तराधिकारीयों के नाम और मृत व्यक्ति के साथउनके संबंध क्या है। कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज है मूल मृत्यु प्रमाण पत्र ,पहचान पत्र, राशन कार्ड, परिवार के सदस्यों के नाम और रिश्ते  एक हलफनामा जो कि ₹20 के स्टांप पेपर पर हो।

         उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए संपत्ति के कुल मूल्य का 3% या अधिक या कम प्रतिशत का शुल्क लिया जाता है। कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने के लिए स्टांप के लिए ₹2 और शपथ पत्र के लिए स्टांप पेपर के लिए ₹20 पेपर लिया जाता है। कभी-कभी अधिकारी अतिरिक्त शुल्क मांग सकते हैं या वकीलों के लिए भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

           उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के मामलों में न्यायालय द्वारा 45 दिनों के लिए समाचार पत्र में नोटिस जारी किया जाता है। इससे किसी भी व्यक्ति को यदि अपने उत्तराधिकार का दावा करना हो तो वह इस उत्तराधिकार प्रमाण पत्र में अपने विरोध को दर्ज करवा सकता है ।अगर अदालत को कोई आपत्ति नहीं मिलती है तो वह उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी कर देता है। इस प्रक्रिया में 5 से 7 महीने लग सकता है ।कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 15 से 30 दिनों की आवश्यकता होती है।

        उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का महत्व.... उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का उपयोग संपत्ति के हस्तांतरण य कब्जे के लिए   मृत व्यक्ति की ओर सेऋण सुरक्षा का भुगतान करने के लिए या मृतक की ओर से ऋण या सुरक्षा एकत्र करने के लिए किया जाता है।कानूनी प्रमाण पत्र का उपयोग ग्रेजुएटी, पेंशन, बीमा, पीएफ,सेवानिवृत्ति  आदि दावों के लिए किया जाता है।