कंडक्टर,कोच attendants या फिर रेलवे पुलिस को देना चाहिए ,इन सब अधिकारीयों के पास FIR फॉर्मेट होता है,इनके पास FIR लिखने का अधिकार भी  होता है,किसी भी अपराध जो की रेल यात्रा के दौरान हुआ हों उसकी सुचना बिना बिलंब उपरोक्त अधिकारी में से  को दे देना होता है,नहीं तो आप ने सुचना देने में क्यों देरी की इसका कारण कोर्ट में आपको बताना होगा |

       रेलवे में हुआ  अपराध रेलवे एक्ट  १९८९ में आते है,जो मुख्य धारा है 150,151,152 ,ट्रेन में तोड़ –फोड़ का प्रयास आदि रेल एक्ट में आते है,रेलवे सुरक्षा बल को जीआरपी के अधिकार क्षेत्र में परेशान और अतिक्रमण किये बिना मामूली अपराधो को सँभालने की अनुमति दी गयी है |केंद्र सरकार द्वारा अधिक्रत अधिकारियो को रेलवे अधिनियम १९८९ की धारा १७९(2) में निद्रिष्ट कुछ अपराधो के संबंध में अपराधियों के खिलाफ अभियोजन का संज्ञान लेने का अधिकार है |

    और जब कभी ऐसा कोंई अपराध मेट्रो स्टेशन पर होता है तोह इसकी सुचना    

मेट्रो स्टेशन पर मौजूद पुलिस अधिकारी को दिया जाता है |रेल –मंत्रालय ,रेल भवन ,रायसीना मार्ग नई –दिल्ली ,सेंट्रल अपराध ब्यूरो में सुरक्षा नियंत्रण प्रकोष्ठ ने चौबीस घंटे भारतीय रेलवे द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार हम नीचे दिए गए किसी भी नंबर पर कॉल कर सकते है ______

पुरे भारत में सुरक्षा नंबर---------------------182 (toll free number )BSNlL phone

सुरक्षा कण्ट्रोल विभाग----------------------011-23388171

                                                                        011-23381310

                                                                        011-23388809

                                                                   011-23381671

 अगर हम रेलवे के कर्मचारी के खिलाफ कोंई शिकायत दर्ज करना चाहते है तो रेलवे निगरानी बिभाग के ऑफिसर के पास अपनी शिकायत दर्ज करेगे |