जब हम किसी अचल सम्पति जैसे जमीन या घर को ख़रीदने जाते है तो कुछ सावधानी बरतनी चाहिए जिसके लिए मुख्य रूप से निम्न दस्तावेज़ को देखलेना चाहिए -------------
1 .जमीन का वो दस्तावेज़ जिसमे की जमीन के बारे में सब कुछ साफ –साफ लिखा हो,जमीन का लोकेशन क्या है, उसके चारो तरफ क्या है जैसे –आगे सडक पीछे ,दाये, और बाये क्या है |
2 जमीन की क्षेत्र –फल दस्तावेज़ पर लिखा होना चाहिए और जितना जमीन आप खरीद रहे हों उतना आपके दस्तावेज़ में लिखा होना चाहिए |
3 जमीन के दस्तावेज़ में नाम भी साफ होना चाहिए |
4 जमीन के दस्तावेज़ में जो जमीन आप ले रहे है उस पर किसका –किसका मालिकाना हक़ रहा है और फिर उसने दुसरे के नाम उस जमीन को कब किया है |
सभी दस्तावेज़ उस भाषा में अनुवाद होने चाहिए जिसको की मालिक समझ सकता हों और सब कुछ साफ़ होना चाहिए जिसमे ये लिखा होना की जमीन पर किसका मालिकाना हक़ है |अगर आपने ये सारे डॉक्यूमेंट देख लिया है या आपके पास ये दस्तावेज़ होने के बाबजूद आपके साथ कोंई धोखा होता है तो आप अदालत में जा सकते है |
ये कुछ ऐसे दस्तावेज़ है जब आप किसी घर या किसी ऐसे जमीन को ख़रीदेने जा रहे हों तो जरूर देखे |
A . बिक्री –अनुबंध या सेल डीड –जिससे दस्तावेज़ से साबित होता है की ये सम्पति का मालिक कौन है और सम्पति किसके नाम पर कब था |
B. कम्पलीशन /ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट---ये दस्तावेज़ म्युनिसिपल अथोरिटी द्वारा जारी किया जाता है जब कोंई बिल्डर अपना प्रोजेक्ट पूरा कर लेता है तो अगर आप बिल्डर द्वारा किसी घर को खरीद रहे है तो इस दस्तावेज़ को जरूर देखे ,इस में ये देखे की जो घर या बिल्डिंग बना है वो म्युनिसिपल अथोरिटी द्वारा एप्रूव्ड है और उसके द्वारे जिस डिजाईन को पास किया गया है उस में ही बना है ,ये दस्तावेज़ बैंक लोन या फाइनेंसियल लोन के लिए जब आप अप्लाई करते हैतो जरुरी होता है ,बिजली पानी या किसी अन्य जरुरी कामो के समय भी ये काम आता है|
C. बिल्डिंग प्लान ---बिल्डिंग प्लान एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसको देख कर ही और उसको अच्छी तरह से परखने के बाद ही सम्पति खरीदे |
D. आल्लोटमेंट लैटर और पोजीशन लैटर ---ये दस्तावेज़ डेवलेप्मेन्ट अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है या डेवलपर द्वारा |
E. म्युटेशन सर्टिफिकेट ----इस दस्तावेज़ में ये लिखा होता है की जमीन के चारो तरफ किया है |
F. चैन ऑफ़ प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट -----ये दस्तावेज़ सब से अहम है इसो जरूर देखे और अपने पास भी रखे,इस में लिखा होता है की सम्पति का सब से पहला मालिक कौन ठ और अंतिम कौन है
G. एन्कोम्ब्रेंस सर्टिफिकेट ----
H. मोरेगेज डॉक्यूमेंट ---ये भी देखना होता है बैंक का कोंई लोन या किसी अन्य लोन के लिए इस प्रॉपर्टी को बंधक तो नहीं रखा गया |
I. प्रॉपर्टी टैक्स रेसपिट्स ----इस दस्तावेज़ में आप ये देख ले की क्या प्रॉपर्टी का सारा टैक्स दिया जा चूका है या नहीं और ये भी देख ले की प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मालिक के पास टैक्स चुकाने के बाद आ गया है|
J. यूटिलिटी बिल्स ---इस प्रॉपर्टी से सम्बन्धित कोंई और बिल तो नहीं है मालिक का नाम प्रॉपर्टी है या नहीं |
वाहन को पार्क से सम्बन्धित भी सब कुछ साफ-साफ लिखा होना चाहिए |
K. आरडब्ल्यूए से एनओसी आपति पत्र –जिस घर को आप खरीद रहे है अगर वो किसी आरडब्ल्यूए के अधीन आता है तो उसको कोंई आपति तो नहीं है,या उसको आरडब्ल्यूए से एनओसी मिल गया है |