भारत मे प्राचीन काल से ही बेटी को शादी के समय या बाद में माता पिता द्वारा भेट में उपहार या अपना परिवार बसाने के लिए चल और अचल संपत्ति देने का प्रचलन रहा है ,जिसने धीरे धीरे दहेज का रूप ले लिया। जिसको पूरा करना लड़की के मां बाप का कर्तव्य बन गया और लड़के के घर वालो का अधिकार हो गया फिर दिन ब दिन लड़की की हालत बद्तर हो गई।शादी के समय लड़की के माता पिता दहेज को लेकर परेशान होना तय हो गया और लालची लोगो की दहेज की प्यास दिन ब दिन बढ़ती जाती है और शादी से लेकर और बाद तक लड़की को ताने और मारा पीटा जाने लगता फिर इन सब से तंग आ जाती है।इन सब से लड़की को बचाने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा ४९८ ए में प्रावधान किया गया है इस में ये व्याख्या की गई हैं_____

"जो कोई किसी महिला के पति या पति के संबधी होने के नाते महिला के साथ क्रूरता का व्यवहार करता है उसको दंडित किया जायेगा जिसमें तीन साल का कारावास और जुर्माना के लिए उतरदायी होगा।"

      इस खंड में क्रूरता का अर्थ है_

 (ए)किसी भी व्यक्ति का इस तरह का आचरण जो इस तरह की प्रकृति का हो जिससे महिला को आत्महत्या,करने या महिला के जीवन ,अंग या स्वास्थ्य (चाहे मानसिक या शारीरिक)को गंभीर चोट या खतरे की संभावना हो या

(बी) जब किसी महिला को इसलिए परेशान किया जाए जिससे वो या उसके माता पिता उसको संपति दे या मूल्यवान सुरक्षा के लिए या उससे सम्बन्धित किसी भी व्यक्ति के साथ जबरदस्ती करने की दृष्टि से है या उससे मिलने या उससे सम्बन्धित किसी व्यक्ति द्वारा विफलता के कारण है,ऐसी मांग।

           फिर भी इस पर रोक नहीं लगाया जा सका और उसके बाद दहेज को रोकने के लिए १९६१ मे दहेज विरोधी अधिनियम लाया गया और इस मे धारा २ मे दहेज को परिभाषा दी गई है_______

     किसी भी संपति चाहे वो चल हो या अचल हो सीधे या परोक्ष रूप से दिये जाने पर सहमत हो ___

   (A)शादी के लिए दोनो पक्षकार में से एक पक्षकार दूसरे को देते है,या

(B)विवाह के पक्ष मे या किसी अन्य व्यक्ति के माता _पिता द्वारा विवाह के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को,उक्त पक्षों के विवाह के बाद या किसी भी समय मे दिया जाए ।पर यह मुस्लिम पर्सनल लॉ पर लागू नहीं होता है या मैहर  पर ये लागू नहीं होता है।

        इस एक्ट में यदि कोई व्यक्ति द्वारा जब दहेज का लेने देन किया जाता है तो व्यक्ति को कम से कम पांच साल की सजा का जेल और १५हजार का जुर्माना का प्रावधान है।
पर आज के दिन मे दहेज से सम्बन्धी सभी धारा का दुरुपयोग हो रहा  है इसके कुछ लीडिंग केश है____

 

१_भूरा s/ शोमत बनाम राज्य उत्तर_प्रदेश २१ सितंबर २०१७

२_राज्यद्वारा मड़ीवाला वेंटेशा १८ जुन २०१८

३_गिरीश पाण्डेय व अन्य बनाम राज्य २० अक्टूबर २०१६.