जो व्यक्ति घूमने फिरने  के  शौक़ीन हैं  उन के लिए देश की राजधानी में बहुत सारे  ऐसे पर्यटन स्थल  हैं, जहां वो कई अच्छी-अच्छी जगहों पर घूम सकते हैं। किन्तु यहाँ  लॉकडाउन से सम्बंधित कुछ जगहों पर कुछ गाइडलाइंस हैं जिसके साथ ही आप घूमने का आनंद ले सकते हैं। दिल्ली भारत की राजधानी है ,साथ ही यह एक आकर्षक पर्यटन स्थल भी है। भारत के सबसे बडे शहरों में से एक दिल्ली, प्राचीनता और आधुनिकता का एक बेहतर संयोजन है, जो आज एक उद्योगिक गोले की जादुई दुनिया बन गई है। दिल्ली का इतिहास खूब लंबा और उतार-चढ़ाव वाला रहा है। दिल्ली ने कई साम्राज्यों के उतार और चढ़ाव को देखा है। आज की दिल्ली सात शहरों के खंडहरों पर बनी है, जिस पर हिंदू राजपूतों से लेकर मुगल और आखिर में ब्रिटिशों ने राज किया। दिल्ली सही मायनों में एक कॉस्मोपॉलिटन शहर है, जिसने कई जातीय समूहों और उनकी संस्कृति व परंपराओं को अपनाया है। दिल्ली की यात्रा करते वक्त आप यह बात महसूस कर सकते हैं कि यह ऐतिहासिक महत्व वाले आधुनिक मेट्रोपॉलिटन शहर है।यह इतिहास की पुरानी परंपरा और आधुनिकता का केंद्र है। यहाँ मुग़लों द्वारा बनाई गई इमारतों का ढेर लगा है जहाँ सिर्फ भारतीय यात्री ही नहीं विदेशी यात्री भी भारी मात्रा में आते हैं। चाँदनी चौक की तंग गलियों में देशी घी में बने पराठे, कचौड़ी के साथ - साथ कई प्रकार के लजीज व्यंजन आप का मन को मोह लेगा अगर आप घूमने के साथ ही खाने पीने के भी शौक़ीन हैं तो यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है। यहाँ  घूमने फिरने की जगहों से लेकर हर राज्य का पारंपरिक खाना आपको आसानी से मिल जाएगा और आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी होगी । मंदिरों से लेकर चर्च, गुरुद्वारे और मस्ज़िद तक हर चीज़ आपको दिल्ली में आसानी से मिल जाएगी। एक ऐसी जगह जहाँ हर तरह की संस्कृति का मिश्रण है और कोई भेदभाव भी  नहीं है। ऐसा सच ही कहा जाता है कि दिल्ली है दिल वालों की। आप दिल्ली के इतिहास में सम्पूर्ण भारत की झलक की  मौजूदगी का  एहसास कर सकते हैं। कभी अमीर खुसरो और ग़ालिब की रचनाओं को गुनगुनाती हुई दिल्ली नादिरशाह की लूट की चीखों से सहम भी जाती है। राजधानी होने के कारण भारतीय सरकार के अनेक कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन आदि अनेक आधुनिक स्थापत्य के नमूने तो यहाँ देखे ही जा सकते हैं प्राचीन नगर होने का कारण इसका  अपना ऐतिहासिक महत्व भी है। 

अगर आप का दिल्ली घूमने का  विचार है तो आप के लिए यहाँ दिल्ली के कई जगहों के बारे में और इन के इतिहास के बारे में बताया जा रहा है| 

  • इस्कॉन मंदिर :  यह मंदिर भगवान कृष्ण व राधा को समर्पित है ,जन्माष्टमी के अवसर पर यह मंदिर दुल्हन की तरह सजता है। यह सिर्फ आध्यात्मिकता का केंद्र नहीं है बल्कि यह म्यूज़ियम, रेस्टोरेंट व शादी, पार्टियों का भी केंद्र है। शाम के वक्त रंगीन लाईटों से मंदिर की शोभा देखने लायक होती है इसलिए यह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहाँ पंडितों द्वारा बहुत कड़े नियमों से पूजा-पाठ का आयोजन किया जाता है।
  • लाल किला : लाल किला को दिल्ली का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कहा गया है। मुगल के वास्तुकला द्वारा लाल बलुआ पत्थर से बना सुंदर किला, यात्रियों को बहुत आकर्षित करता है । यह बहुत-सी अलग-अलग तरह की जगह का संगम है। इसे पूरा होने में 9 साल का समय लगा। सुंदर किला के साथ ही इसमें आपको संग्राहलय देखने को भी मिलेगा व पारंपरिक हस्तशिल्प और सजावटी सामान, कृत्रिम गहने आदि इसके मीना बाज़ार में आपको  जगमगाते हुए मिलेंगे। कारीगरों ने इतनी महीनता से इसका हर कोना उकेरा है कि तारीफ किए बिना आपसे रहा नहीं जाएगा। शाम के वक्त यहाँ का लाईट व साउंड शो आपको बेहद पसंद आएगा। 
  • इंडिया गेट : इंडिया गेट  का निर्माण राष्ट्रपति भवन की सीध में किया गया है , यह प्रथम  विश्व  युध्द के शहीदों की याद में बनवाया गया है। इस पर उन शहीदों के नामों को भी लिखा गया है। अगर आप दिल्ली दर्शन के लिए आए है तो इस जगह पर जरूर जाएँ। दिन-रात,आँधी-तूफान, साल के हर एक दिन यहाँ जलती अमर जवान ज्योति उन वीरों की दास्तान बयान करती है।
  • हुमायूँ का मकबरा :  हुमायूँ की पत्नी हाजी बेगम द्वारा बनवाया गया हुमायूँ का मकबरा शताब्दियों बाद भी अपनी सुंदरता बरकरार रखे हुए है| लाल पत्थर व संगमरमर के संगम से बना यह मकबरा भी मुगल वास्तुकला का एक बहुत ही नायाब उदाहरण है। यहाँ हुमायूँ के साथ ही साथ मुगलों के कुछ खास सदस्यों की समाधि बनाई गई है। ऊँची-ऊँची पथरीली सीढ़ियाँ, बड़े-बड़े कलात्मक दरवाज़े प्राचीनता को बखूबी दर्शाते हैं। 
  • कमल मंदिर :  यह बहुत ही सुन्दर कलाकृतियों का नमूना हैं। यह दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित हैं और एक सफ़ेद कमल के फूल के समान दिखता हैं। बहाई स्थल कही जानेवाली यह जगह उपासना का केंद्र है जहाँ आपको एकदम शांत माहौल मिलेगा| कमल का फूल शांति व पवित्रता का प्रतीक है इसी को दिमाग में रखते हुए इस स्थान का निर्माण किया गया है।
  • पुराना क़िला: पुराना क़िले का निर्माण सूर वंश के संस्थापक शेर शाह सूरी के द्वारा  16वीं शताब्दी में करवाया गया  था। 1539-1540 में शेरशाह सूरी ने अपने चीर प्रतिद्वंद्वी मुग़ल बादशाह हुमायूँ को हराकर दिल्ली और आगरा पर  अपना कब्ज़ा कर लिया।
  • छत्तरपुर मंदिर : छत्तरपुर मंदिर दक्षिणी दिल्ली में स्थित है ,यह मंदिर आध्यात्मिकता का प्रतीक है। शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, हनुमान, लक्ष्मी जैसे कई भगवानों की भव्य मूर्ती आपको भक्ति की दुनिया में ले जाएगी| धार्मिक प्रवृत्ति के के व्यक्ति यहाँ आकर अपनी भक्ति में लीन हो सकते हैं ,यहाँ आपके मन को अत्यंत शांति मिलेगी। मुख्यतः यह मंदिर देवी कात्यायनी को समर्पित है। 70 एकड़ की ज़मीन पर फैले इस मंदिर की वास्तुकला भी देखते ही बनती है ।
  • नेशनल रेल म्यूज़ियम : अगर आप बच्चों के साथ पर्यटन पर निकले हैं तो नेशनल रेल म्यूज़ियम आपके लिए बहुत ही अच्छी जगह है | इस जग़ह पर पुरानी रेलों को विरासत के तौर पर  रखा गया है ,जिनमे कुछ टॉय ट्रेन भी शामिल है। इसमें डिज़ल इंजन व स्टीम इंजन से चलने वाली रेल भी देखने को मिलेंगी। यहाँ आपको शाही रेलों की सैर के साथ-ही-साथ रेस्टोरेंट में अच्छा भोजन भी दिया जाएगा | 
  • अक्षरधाम मंदिर: आप अगर दिल्ली दर्शन करने आये हैं तो अक्षरधाम मंदिर की खूबसूरती देखे बिना वापस नहीं जा सकते| विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में शामिल यह स्वामिनारायण मंदिर आपको भौचक्का कर देगा। एक बार अंदर घुसने के बाद आप इसके हर एक कोने की तारीफ किये बिना नहीं रह सकते । यह सबसे मशहूर दिल्ली पर्यटन स्थल है। आप यहाँ आकर बाहरी दुनिया को पूरी तरह कुछ समय के लिए भूल जाऐंगे। ये मंदिर अलग-अलग भागों में बँटा हुआ है जिसमें नौका विहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शाम के समय  वॉटर शो का आयोजन होता है ,ये सभी बहुत ही आनंद दायक है। सुबह 9:30 से शाम 6:30 तक यह आपके लिए खुला रहता है।