क्या होती है डस्ट एलर्जी?

 

कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्ति को कई तरह के परेशानियों से जूझना पड़ता है| ऐसे व्यक्ति को छोटी मोटी बिमारियों भी ज्यादा परेशानी करती हैं| इन व्यक्ति में धूल मिट्टी के संपर्क में आने से डस्ट एलर्जी की परेशानी उत्पन्न हो सकती है| अगर किसी को डस्ट एलर्जी है तो उन्हें धूल-मिट्टी और प्रदूषण के संपर्क में आने के बाद  काफी ज्यादा छींक, ज़ुकाम और सिरदर्द जैसी परेशानी आरम्भ होती है , कई व्यक्तियों की आंखे भी लाल हो जाती हैं| इसके पीछे यह कारण माना गया है कि जिनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है वो इन बैक्टीरिया से अपनी रक्षा नहीं कर पाते हैं| धूलमिट्टी के संपर्क में आने पर होने वाली परेशानियों के पीछे यह कारण हो सकता है कि ,धूलमिट्टी में मौजूद कई प्रकार की बैक्टीरिया हमारे नाक या मुँह के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं|और कमजोर इम्युनिटी होने के वजह से हम इस बैक्टीरिया से अपनी रक्षा नहीं कर पाते हैं जिससे कई तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ता है| 

 

 

गद्दे और तकिए पर “माइट-प्रूफ” चीजों का ही  उपयोग करें|

 

 

डॉक्टर्स का मानना है कि  धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कणों में तरह  तरह के माइक्रोऑर्गैनिस्म पाए जाते हैं, जो हर किसी को प्रभावित करती है। ये प्रदूषित कण हमें नजर नहीं आते हैं, किन्तु हमारे मुंह, नाक और स्किन पोर्स के द्वारा शरीर में प्रवेश करके एलर्जी उत्पन्न करते हैं| 

 

डस्ट एलर्जी के कुछ लक्षण :

 

डस्ट एलर्जी होने पर काफी तेज सिरदर्द होता है। 

धूल की वजह से काफी ज्यादा छींके आती हैं। 

धूल से एलर्जी की शिकायत होने पर मरीजों को काफी ज्यादा नाक भी बह सकता है। 

आंखों के आसपास दर्द की परेशानी

 

 

गद्दे और तकिए पर “माइट-प्रूफ” चीजों का ही  उपयोग करें|

 

 

नाक के अंदर सूजन और जलन जैसा महसूस होना। 

 खांसी, सर्दी और ज़ुकाम हो सकता है।

कान बंद होना

आंखों से पानी आना और लाल नजर आना, इत्यादि। अगर उपयुक्त कोई भी लक्षण से आप जूझ रहे हैं तो यह डस्ट एलर्जी के कारण ही उत्पन्न हुआ है | 

 

इन उपाय को अपनाएं और डस्ट एलर्जी से बचें : 


 

आगे हम इस उपाय के बारे में जानने की कोशिश करेंगे जो हमें धूलमिट्टी से होने वाली दिक्कत से बचाये| इस एलर्जी को कम करने के लिए हमें अपने खान-पान में कई चीजों को शामिल करना होगा ,जैसे -

  •  हम हल्दी का रोज उपयोग करते हैं यह गुणों का खजाना कहा जाता है।इससे रोग प्रतिरोध क्षमता बढती है। दूध में हल्दी मिलाकर पीने से इम्युनिटी बढ़ जाती है। 
  • आप अपने डाईजेशन को दुरुस्त करके इम्युनिटी को बढाने के लिए ग्रीन टी का भी प्रयोग कर सकते हैं ,इससे धूल की एलर्जी से नाक में होने वाली जलन को कम करने में मदद मिलती है। 
  • शहद एक ऐसा सुपरफ़ूड है जिसके कई लाभ हैं। इसकी मदद से एलर्जी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। किन्तु शहद का शुद्ध होना बहुत जरुरी है| 

कई योग क्रियाएं भी हैं जो धूल की एलर्जी को कम कर सकते हैं। साथ ही  इन घरेलू उपाय की मदद से भी धूल की एलर्जी से छुटकारा पाया जा सकता है।

सबसे पहले आप अपने  बेडरूम से कालीन और पर्दे हटा दें।

 

गद्दे और तकिए पर “माइट-प्रूफ” चीजों का ही  उपयोग करें|

 

 

जहाँ तक संभव हो पालतू जानवरों को अपने बेडरूम से बाहर रखें, और हो सके तो घर से बाहर रखें।

घर में नमी कम से कम रखें।

गद्दे और तकिए पर “माइट-प्रूफ” चीजों का ही  उपयोग करें| 

बिस्तर के लिनन को गर्म पानी में बार-बार धोएं।

सफाई करते समय मास्क  प्रयोग जरूर करें| 

 

गद्दे और तकिए पर “माइट-प्रूफ” चीजों का ही  उपयोग करें|

 

 

वैसे तो इन दिनों धूल की एलर्जी की समस्या आम समस्या माना गया है। किन्तु अगर आप भी इससे परेशान हैं तो, आपको अपने दैनिक आहार में इन सुपरफूड्स को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा टमाटर, अदरक, प्याज, लहसुन, चिकन, दही, फिश जैसी चीजों का भी इस्तेमाल एलर्जी से राहत दिलाता है। आप इन सबकी मदद से इम्युनिटी भी बढ़ा सकते हैं। साथ ही आपको इस बात का भी ख्याल रखना होगा, कि अगर आपको धूल की एलर्जी के लक्षण गंभीर लगे तो बिना देर किए डॉक्टर की सलाह जरुर लें।