इलेक्ट्रिक वाहन क्या हैं, यह कैसे चलती है ?
एक इलेक्ट्रिक वाहन इंटर्नल इंजन के बदले इलेक्ट्रिक मोटर पर चलने वाली वाहन है, यह fuel और गैसों के मिक्सचर को जलाकर इलेक्ट्रॉनिक पैदा करता है जो हमारे वातावरण के लिए सही माना जाता है ,आजकल की बढ़ती प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए इस वाहन को बहुत ही बेहतर माना जा रहा है | वैसे तो इलेक्ट्रिक वाहनके विचार बहुत लम्बे समय से चलते आ रहे हैं। किन्तु हमारे देश में नवंबर 2010 से इलेक्ट्रिक वाहन के लिए स्वीकृति दी गई थी | नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 95 करोड़ रुपये की फाइनेंशियल प्रोत्साहन की घोषणा की थी | किन्तु बाद में मार्च 2012 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सब्सिडी स्कीम को वापस ले लिया गया था। 2015-16 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए,स्वर्गीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 75 करोड़ रुपये के स्टार्टिंग के साथ इलेक्ट्रिक गाड़ियों को तेजी से अपनाने की घोषणा की। इस योजना की घोषणा स्वच्छ-ईंधन टेक्नोलॉजी कारों के लिए प्रोत्साहन की पेशकश करने के उद्देश्य से की गई थी ताकि 2020 तक उनकी खरीददारी को 7 मिलियन गाड़ियों तक बढ़ाया जा सके।फरवरी 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने FAME-II योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई । यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से लागू हुई। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य यह है कि इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर अग्रिम प्रोत्साहन की पेशकश करके और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए जरूरी चार्जिंग की स्थापना करके इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों को तेजी से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के फायदे और नुकसान की मुख्य बिंदु :
पहले हम इलेक्ट्रिक वाहन की खूबी पर नजर डालेंगे :
- कम खर्चीला – इस वाहन में पारम्परिक ऑटो पार्ट्स के मुकाबले कम चलने वाले पार्ट्स होते हैं, आमतौर पर, सभी इलेक्ट्रिक वाहन को रखरखाव के मामले में एक बुनियादी जांच की जरुरत होती है यदि कार को अच्छी स्थिति में रखते हैं और सुरक्षित ड्राइविंग करते हैं तो पारंपरिक गाड़ियों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन पर मरम्मत कार्य अधिक आसान और कम खर्चीला है|
- पर्यावरण का रक्षक - इलेक्ट्रिक वाहन हमारे पर्यावरण की भी सुरक्षा करती है | इस बिंदु को इन शब्दों में समझा जा सकता है ,बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन उत्सर्जन मुक्त होते हैं। जहां लिथियम बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस प्रदूषण पैदा करती है, वहीं कार बनने के बाद यह क्लीन ऊर्जा पर चलती है।पारंपरिक कारें क्लीन ऊर्जा पर नहीं चल सकती हैं क्योंकि जीवाश्म ईंधन के जलने से पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैसों में योगदान होता है। जबकि इलेक्ट्रिक वाहन निकास धुएं का उत्सर्जन नहीं करते हैं, इसलिए वे इलेक्ट्रिक वाहन के काफिले में भी हमारे वातावरण को नेगेटिव रूप से प्रभावित नहीं करते हैं।
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए स्पेशल आवास – स्थानीय योजनाकार तेजी से नागरिकों को बिजली जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और उनके लिए विशेष लेन और यहां तक कि मुफ्त पार्किंग स्थल भी तैयार करवाये जा रहे हैं। अधिक सुविधा देने के लिए स्टोर के साथ साझेदारी विकसित करते हुए चार्जिंग स्टेशन यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में काफी तेजी से फैल रहे हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन की कुछ खामी के विषय में नीचे बताया जा रहा है :
- चार्जिंग कॉम्प्लिकेशन –इलेक्ट्रिक वाहन के प्रयोग में अड़चन आने का सबसे अहम् कारण यह माना जा रहा है कि ड्राइविंग रेंज रिचार्ज करने में लगभग 200-300 मील है। कुछ लोग जो लंबी दूरी तक ड्राइव करते हैं, वे कहीं फंसने के बारे में टेंशन में हैं क्योंकि चार्जिंग में काफी समय लगता है, इसलिए उन्हें विशिष्ट चार्जिंग डेस्टिनेशन के साथ ट्रैवेल की प्लानिंग बनाने की जरुरत पड़ती है।
- लिमिट सलेक्शन और ज्यादा कीमत – फिलहाल, उपभोक्ता को अपने पसंद के हिसाब से बहुत सारे इलेक्ट्रिक मॉडल उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन कई पारंपरिक गाड़ी मैन्युफैक्चर इस दशक के अंत तकइलेक्ट्रिक वाहन विकसित कर रहे हैं।इलेक्टिक वाहन को सस्ते दामों पर ढूंढना भी मुश्किल है क्योंकि वे महंगे बनाए जाते हैं।