आई फ्लू क्या है ?
सर्वप्रथम हम यह जानते हैं कि आई फ्लू क्या है ? इसका यह जवाब है कि आंखों का संक्रमण , जिसकी वजह से आंखों में लालिमा, दर्द और सूजन जैसी परेशानियां होती हैं, उस संक्रमण को ही आई फ्लू कहा जाता है| आई फ्लू के अधिकतर मामले एडेनोवायरस के संक्रमण की वजह से होते हैं। आई फ्लू को पिंक आई और कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है,,वैसे आमतौर की भाषा में आई फ्लू को आंखों का आना भी बोलते हैं। इसकी वजह से कई व्यक्तियों के आंखों से पानी आने लगता है। अगर ध्यान न दिया जाय तो संक्रमण बढ़ने पर मरीज को देखने में परेशानी भी उत्पन्न हो सकती है। वैसे तो आई फ्लू 2 - 3 दिनों में ही ठीक हो जाता है। लेकिन अगर सीरियस कंडीशन हो तब पर यह 10 से 14 दिनों या फिर एक महीने तक भी रह सकता है।

आई फ्लू होने के कारण-
हर साल बारिश के मौसम में आई फ्लू की समस्या सबसे ज्यादा फैलती है। इसके पीछे मुख्य कारण यह माना जाता है कि इस मौसम में वातावरण में अत्यधिक मात्रा मे संक्रमण फैल जाता है जिसकी वजह से लोग आई फ्लू का शिकार हो जाते हैं। आई फ्लू होने का मुख्य कारण गंदगी, धूल-मिट्टी ,नमी से होने वाली एलर्जी को माना जाता है। इस बीमारी में आंखों के सफेद हिस्से में मौजूद लेयर कंजंक्टिवा में सूजन होती है। बरसात के मौसम में नमी और बैक्टीरिया और वायरस बहुत बढ़ जाते हैं और इसकी वजह से आंखों में एलर्जी और इन्फेक्शन हो जाता है। साथ ही साथ अगर आप पहले से आई फ्लू से संक्रमित हो चुके व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो इससे भी आपको आई फ्लू होने का खतरा रहता है। इस बचने के लिए आपको आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए और आंखों को बार-बार छूने से बचना चाहिए।साथ ही आप बार बार हाथ को धोते रहें |

आई फ्लू का इलाज और बचाव कैसे करें ?
आई फ्लू होने का खतरा बारिश के मौसम में ज्यादा रहता है। हमें बारिश में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से हाथ को साबुन से धोने पर हम इस संक्रमण का शिकार होने से बच सकते हैं। गंदे हाथ से आंखों को नहीं छूने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही आप यह जरूर ध्यान रखें कि कपड़े, तौलिया, टूथब्रश और मेकअप की चीजों को किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं करना है। अगर आप इस मौसम मे किसी सार्वजानिक जगहों पर जाते हैं, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दरवाजों के हैंडल, या किसी भी सतह को छूने से बचें। अगर आप इन चीजों को छूते हैं, तो अपने हाथों को साबुन से अवश्य साफ करें।

अगर आप या आपके किसी जानने वालों में भी आई फ्लू के लक्षण दिखे तो आपको यह ध्यान रखना है कि आप किसी से सुनी या सुनाई गई दवाओं का तत्काल सेवन न करें | आपको ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए।आई फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। क्यूंकि डॉक्टर हर मरीज की स्थिति और लक्षणों के आधार पर दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। ऐसे लोग जो गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं, उन्हें कुछ हाई डोज वाली दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जा सकती है। आमतौर पर संक्रमण रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

हॉट और कोल्ड कंप्रेस से भी इस समस्या में काफी आराम मिलता है। इसके अलावा बाहर निकलते समय आप अवश्य काला चश्मा लगा कर रखें।