शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है| इस वर्ष 26 सितंबर दिन सोमवार से यह महापर्व आरम्भ हो रहा है | इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी से धरती पर होगा | हाथी से माता के आगमन को बहुत ही शुभ माना जाता है ,यह सुख, समृद्धि और खुशहाली का संकेत होता है | नवरात्रि में मां दुर्गा 9 दिनों तक धरती पर ही रहती हैं| ऐसी मान्यता है की  इन 9 दिनों में मां भक्तों के घर निवास  करती हैं |  ऐसे में घर का वातावरण और घर दोनों को भली भांति से  शुद्ध करना  बेहद जरूरी है| नवरात्रि से पहले मां दुर्गा के स्वागत के लिए भी साफ सफाई का खास ध्यान रखा जाता है | माता आदिशक्ति के पूजा अर्चना की तैयारी पुरे भारत वर्ष में बहुत हर्षोल्लाश से किया जाता  है, कहीं लोग डांडिया खेलने की तैयारी कर रहे हैं तो कहीं पर गरबा खेलने का अभ्यास किया जा रहा है तो वहीं कहीं लोग अभी से ही घरों में कलश स्थापना की तैयारी में जुटे हैं। इस वर्ष  नौ दिनों का नवरात्र है, जो अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आ रहा है।

 नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है | मां दुर्गा ने समय-समय पर अपने नौ अवतार लिए हैं |  हर एक अवतार की अपना महत्ता है | नवरात्रि महापर्व का उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है | हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर से नौ दिनों तक युद्ध किया और नवरात्रि के 10वें दिन उसका वध करके देवताओं को राक्षस से भयमुक्त किया था |

मां दुर्गा के 9 स्वरूपों का वर्णन नीचे  किया जा रहा है :

  • पहला दिन: मां शैलपुत्री -नवरात्रि के प्रथम दिवस को  मां के शैलपुत्री रूप की  पूजा करने का विधान है | इस साल नवरात्रि का पहला दिन 26 सितंबर को पड़ रहा है |  नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग सफेद है | आज के दिन से ही घटस्थापना के साथ नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा आरम्भ होती है | माता पर्वतराज हिमालय की कन्या के रूप में जन्म ली थीं, इसलिए इनका नाम शैलपुत्री पड़ा | 
  • दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी - नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है|  इस साल नवरात्रि का दूसरा दिन 27 सितंबर को पड़ रहा है| मां ब्रह्मचारिणी को लाल रंग अतिप्रिय माना गया है | भक्तों द्वारा लाल रंग के वस्त्र धारण करके माता के  पूजा करने की परम्परा है | भगवान शिव को पति के रूप में पाने के  लिए इन्होंने कठोर तप और साधना किया था, इसी कारण से  इनको ब्रह्मचारिणी कहते हैं | 
  • तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा - नवरात्रि के तृतीय  दिवस माता के  चंद्रघंटा रूप की पूजा करने का विधान है |   इस साल नवरात्रि का तीसरा दिन 28 सितंबर को पड़ रहा है | मां चंद्रघंटा का मनपसंद रंग रॉयल ब्लू है | घंटे के आकार का चंद्रमा धारण करने के कारण माता के इस रूप को चंद्रघंटा कहा जाता है |  
  • चौथा दिन: मां कुष्मांडा - नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है|  इस साल नवरात्रि का चतुर्थ दिवस  29 सितंबर को  है | मां कुष्मांडा का पसंदीदा रंग पीला है| भक्तों को  पीले रंग के वस्त्र धारण कर के माता की पूजा करनी चाहिए | कुष्मांडा नाम के पीछे यह काऱण है कि कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ होता  है|  कुम्हड़ में बीज की बहुत संख्या होती है , इस देवी में पूरे ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की क्षमता है, इसलिए इनका नाम कूष्मांडा पड़ा| 
  • पांचवा दिन: मां स्कंदमाता की पूजा नवरात्री के  पांचवें दिन की जाती है |  साल 2022 में  नवरात्रि का पांचवा दिन 30 सितंबर को पड़ रहा है|  मां स्कंदमाता को हरा रंग प्रिय है | स्कंद कुमार भगवान कार्तिकेय का ही  दूसरा नाम है|  इस माता की गोद में 6 मुख वाले स्कंद कुमार बैठे हुए दिखाई देते हैं | ये देवी सुख प्रदान करने वाली हैं| 
  • छठा दिन: मां कात्यायनी - नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है |  1 अक्टूबर को नवरात्रि का छठा दिन पड़ रहा है | इस दिन ग्रे रंग के वस्त्र को धारण कर माता को प्रसन्न किया जाता है | कहा जाता है कि कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में  देवी ने जन्म लिया था , इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा| देवी कात्यायनी सभी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करती हैं| 
  • सातवां दिन: मां कालरात्रि - नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान है |  इस साल नवरात्रि का सातवां दिन 2 अक्टूबर को पड़ रहा है | ऐसा माना गया है कि नारंगी  रंग के वस्त्र धारण करके माँ कालरात्रि की पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं | मां कालरात्रि अपने भक्तों को सभी प्रकार की बुराइयों से  बचाकर निडरता प्रदान  करती हैं | 
  • आठवां दिन: मां महागौरी - नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा - अर्चना की जाती है. इस साल नवरात्रि का सातवां दिन 3 अक्टूबर को पड़ेगा |  मां महागौरी की पूजा मोर पंख में जो हरा रंग होता है उस रंग के वस्त्र धारण कर के करें | पुराणों में यह लिखा है कि जब माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया तो उनका शरीर काला पड़ गया था | भगवान शिव के वरदान से इनको गौर वर्ण प्राप्त हुआ और तब यह मां का नाम महागौरी पड़ा | माँ अपने भक्तो को  मोक्ष और परम आनंद प्रदान करती हैं | 
  • नौवा दिन: मां सिद्धिदात्री - नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस साल नवरात्रि का नौवां दिन 4 अक्टूबर को पड़ रहा है |  गुलाबी रंग माँ सिद्धिदात्री को अतिप्रिय  है| इस मां की आराधना करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्ध्यिां प्राप्त होती हैं | 


 

वैसे तो शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिवस से लेकर नवम दिवस तक रोज ही माता की पूजा पाठ किया जाता है ,किन्तु  शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन नवमी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता  है। इस दिन नवरात्रि का समापन होता है और इसी दिन संपूर्ण नवरात्रि में किए गए पूजा कर्म, जप-तप, स्तोत्र पाठ आदि का फल प्राप्त होता है। जो साधक नवरात्रि में व्रत-उपवास रखकर नित्य हवन-पूजन, जपादि करते हैं उनके लिए  नवमी के दिन नवरात्रि का उद्यापन  करना अनिवार्य होता है , उसके बिना पूजा का फल प्राप्त नहीं होता। शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजा का विशेष महत्व माना गया है ,13 वर्ष से कम आयु की नौ कन्याओं को भोजन करवाकर, उनके चरण पूजन कर दान-दक्षिणा, वस्त्र आदि भेंट किए जाते हैं। इस दिन श्रद्धानुसार सुहागिन स्त्रियों को भी भोजन करवाकर सुहाग की सामग्री भेंट करने की परम्परा है | 

ये हैं नवरात्रि के 9 खास दिन :

 26 सितंबर- घटस्थापना, शारदीय नवरात्रि प्रारंभ, शैलपुत्री पूजन 27 सितंबर- द्वितीया, ब्रह्मचारिणी पूजन 28 सितंबर- तृतीया, चंद्रघंटा पूजन 29 सितंबर- चतुर्थी, कूष्मांडा पूजन 30 सितंबर- पंचमी, स्कंदमाता पूजन 1 अक्टूबर- षष्ठी, कात्यायनी पूजन 2 अक्टूबर- सप्तमी, कालरात्रि पूजन 3 अक्टूबर- महाअष्टमी, महागौरी पूजन 4 अक्टूबर- महानवमी, सिद्धिदात्री पूजन, हवन-पूजन, नवरात्रि उद्यापन 5 अक्टूबर- दुर्गा विसर्जन |