बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर सजा

देश भर में 1 सितंबर 2019 से मोटर वाहन कानून लागू कर दिया गया है. इस कानून से पहले जुर्माने की रकम बहुत कम थी जिस वजह से सड़क पर होने वाली दुर्घटना में बेतहाशा वृद्धि हुई थी. नए कानून में जुर्माने की रकम को बढ़ाया गया है. देश भर में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की संख्या एवं ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या में बहुत अंतर है. मतलब साफ़ है कि भारत में वाहनों के सभी उपयोगकर्ताओं के पास लाइसेंस नहीं है. आइये जानते हैं नए कानून के अनुसार बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर क्या सजा हो सकती है?

  • बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर पुराने कानून के अनुसार आपको ₹1000 तक जुर्माना भरना होता था जबकि नए कानून के धारा 181 के अंतर्गत जुर्माने की राशि ₹5000 कर दी गई है. 
  • बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर दुर्घटना होने पर छह महीने की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना तथा तीन साल में दोबारा एक्सीडेंट होने पर दो साल की सजा एवं दो हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है

  • बिना लाइसेंस दुर्घटना होने पर बीमा का कोई क्लेम नहीं मिलता है. सारा खर्च मालिक को वहन करना पड़ता है. हादसे में यदि किसी की मौत होती है तो लाइसेंस नहीं रहने की स्थिति में धारा-302 में रिपोर्ट की जा सकती है. 

 

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कानपुर आईटीओ के आंकड़ो के अनुसार लगभग 13 लाख रजिस्टर्ड वाहनों पर 8 लाख के करीब ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुए हैं. इस आंकड़े से हम समझ सकते हैं कि बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालो की संख्या बहुत ज्यादा है. ₹5000 का जुर्माना बिना लाइसेंस वाले चालकों को अपना लाइसेंस बनाने को प्रेरित करता है. मार्च 2020 के बाद कोरोना काल में लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया धीमी हुई है. ज्यों-ज्यों जीवन सामान्य होगा ड्राइविंग बनवाने की दर बढ़ेगी. 

जुर्माने की रकम बढ़ने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने जांच को तेज कर दिया. देश भर से भारी चालान काटने की खबरें आने लगी लेकिन नियमों का हवाला देकर ट्रैफिक पुलिस आपको परेशान नहीं कर सकती?

नए वाहन कानून में ये भी सुनिश्चित किया गया है कि अकारण चालान नहीं काटा जा सकता है. जहाँ ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है वहीं आपके कुछ अधिकार भी हैं 

  • ट्रैफिक पुलिस आपके वाहन की चाबी नहीं निकाल सकते हैं. यदि सड़क के किनारे आप गाड़ी खड़ी करते हैं तो पुलिस गाड़ी को तब तक नहीं उठा सकती जब तक आप गाड़ी में बैठे हैं.
  • सेंट्रल मोटर व्हीकल कानून के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा. मोटर व्हीकल कानून 2019 की धारा 158 के तहत एक्सीडेंट होने या किसी विशेष मामलों में इन दस्तावेजों को दिखाने का समय 7 दिन का होता है.
  • सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के मुताबिक अगर आप ट्रैफिक पुलिस को मांगने पर फौरन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते, तो यह जुर्म नहीं है.
  • यदि सभी दस्तावेज आपके पास हैं पर चेकिंग के दौरान आपके पास कागजात नहीं थे और ट्रैफिक पुलिस ने चालान काटा है तो कोर्ट में आप इसे ख़ारिज करवा सकते हैं. यहाँ सेंट्रल मोटर व्हीकल कानून के नियम 139 के तहत आपको 15 दिन का समय मिलता है. कोर्ट में यदि आप सारे दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं तो कोर्ट जुर्माना माफ़ कर सकती है.

हम सब की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करें. इसके साथ कानूनी रूप से हमें अधिकार भी मिले हुए हैं जिसके तहत ट्रैफिक पुलिस अनावश्यक रूप से हमें दंडित नहीं कर सकती.