26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ?
गणतंत्र दिवस हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व है| गणतंत्र दिवस के दिन ही भारत का संविधान लागू किया गया था | 26 जनवरी के दिन देश की राजधानी दिल्ली में कर्तव्यपथ पर परेड का आयोजन किया जाता है| इस परेड में देश की तीनों सेना जैसे थलसेना, जलसेना और वायुसेना भी शामिल होती हैं|
देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और इसी के साथ 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है | यह सलामी हमारे भारतीय सेना की तोपों से दी जाती है, जिन्हें पोन्डर्स के नाम से जाना जाता है| इस साल 2024 में भारत 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है| इस मौके पर हम जानते हैं गणतंत्र दिवस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें -
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर, 2022 को कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया था| इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू कहते हैं, पहले इसे राजपथ कहा जाता था | कर्तव्य पथ की कुल लंबाई तीन किमी से ज्यादा है|
- भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा बनाया गया था, लेकिन इसे लागू 26 जनवरी 1950 में किया गया था | इसी कारण से हर साल 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस मनाया जाता है| भारत के संविधान का कोई प्रिंटेड कॉपी उपलब्ध नहीं है | भारतीय संविधान की अब तक लगभग 1000 कॉपी को हाथ से ही लिखा गया है ।
- गणतंत्र दिवस परेड के लिए हर साल किसी अन्य राष्ट्र के नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता रहा है| 1950 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे |
-26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस परेड की शुरूआत 1950 में आजाद भारत का संविधान लागू होने के साथ हुई थी | वर्ष 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ पर न होकर, चार अलग-अलग जगहों पर की गई थीं |
सबसे पहले कहां हुई थी रिपब्लिक डे की परेड ?
-1955 से गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन राजपथ पर शुरू किया गया था ,उस समय राजपथ का नाम ‘किंग्सवे’ था | 1955 से ही हर साल 26 जनवरी का आयोजन यहीं पर होने लगा|
- आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि परेड में भाग लेने वाले सेना के जवान स्वदेश निर्मित इंसास राइफलों के साथ मार्च करते हैं, जबकि विशेष सुरक्षा बल के जवान इजराइल में बनी टेवर राइफलों के साथ मार्च करते हैं|
- गणतंत्र दिवस के दिन परेड में जो झांकियों निकाली जाती है उन का चयन रक्षा मंत्रालय की एक कमिटी द्वारा किया जाता है| प्रत्येक वर्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से झांकियों के लिए सुझाव मांगे जाते हैं| सभी राज्यों के द्वारा अपने सुझाव भेजे जाने के बाद कमिटी उन पर चर्चा करती है| उसके बाद ही किसी भी राज्य की झांकियों का चयन होता है|
- गणतंत्र दिवस के परेड में एक ईसाई गीत "एबाइड विद मी" को भी गाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह गांधी जी का प्रिय गीत था इसलिए इसको परेड में शामिल किया गया है । लेकिन इस साल केंद्र सरकार ने इसे हटा दिया है|
- भारत का राष्ट्रगान “जन गण मन अधिनायक जय हे” को 24 जनवरी 1950 को स्वीकृत किया गया था | इसे गाने में लगभग 52 सेकंड का समय लगता है।
भारत का अधिकृत राष्ट्रगान “जन गण मन अधिनायक जय हे” मूलतः बांग्ला भाषा में लिखा गया था जिसे बाद में हिंदी में अनुवादित किया गया ।
- जैसे स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं,उसी प्रकार गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं ।
देश के तमाम सर्वोच्च नागरिक सम्मान तथा अन्य पुरस्कारों जैसे - भारत रत्न, पद्म पुरस्कार, अशोक चक्र तथा कीर्ति चक्र इत्यादि की घोषणा गणतंत्र दिवस के अवसर पर ही की जाती है ।