अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को ही क्यों होगा, क्या है इस तारीख की विशेषता ?
वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं| प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को जाने माने विद्वान और संतों के द्वारा तय किया गया है | आम जनों के मन में जरूर यह जानने की उत्सुकता होगी कि इस तारीख पर क्या खास योग बन रहा है| इस वर्ष 22 जनवरी 2024 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पूरे विधि एवं विधान के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम में करीब 4000 साधु-संतों और 2500 विशिष्ट व्यक्तियों के पहुंचने की संभावना है।
अयोध्या की प्रसिद्ध पीठ तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य जी ने यह बताया कि -
“दिनांक 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजे से अविजित मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि योग मृगशिरा नक्षत्र है।मान्यता यह है कि कई हजारों वर्षों के बाद ऐसा दुर्लभ संयोग आता है। इसलिए यह दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे ज्यादा शुभ होगा।” 22 जनवरी 2024 को सोमवार का वार है और कूर्म द्वादशी है। द्वादशी तिथि 21 जनवरी 2024 को शाम 07:27 बजे शुरू होकर 22 जनवरी 2024 को शाम 07 बजकर 52 मिनट तक होगा।
क्या है श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या का इतिहास ?
भारत सरकार के द्वारा राम जन्मभूमि पर भले ही साल 1992 में बाबरी मस्जिद को पूरी तरीके से नष्ट कर दिया गया लेकिन कानूनी रूप से वहां पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश उस समय नहीं मिला था।
काफी लेकिन लंबे इंतजार के बाद 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ विवादित भूमि हिंदू पक्ष को देने और विवादित स्थल से कुछ दूर मुसलमानों को मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया गया था ।
इस फैसले के बाद 25 मार्च 2020 को रामलला की प्रतिमा को टेंट से बाहर निकाल कर फाइबर के मंदिर में रखा गया और यहां पर रामलला मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया।
राम मंदिर की नींव भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी और तब से लेकर अब तक कई प्रकार की बधाओं को पार करते हुए राम मंदिर के निर्माण का कार्य जारी रहा।
राम मंदिर का निर्माण 2.77 एकड़ की जमीन पर किया गया। इस मंदिर के निर्माण के लिए आवश्यक फंड को पूरे भारत भर के हिंदू श्रद्धालुओं से इक्ट्ठा किया गया। इस फंड में तकरीबन 3000 करोड़ रुपए का चंदा मिला था।
मंदिर के निर्माण में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी रुड़की सहित देश के कई अन्य संस्थाओं के वरिष्ठ इंजीनियर भी शामिल हुए।इस मंदिर के गर्भ गृह की यह विशेषता है कि इस को ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर ही पड़ें। रामलला भगवान श्रीराम के शिशु अवतार माने जाते हैं।
मंदिर के निर्माण में राजस्थान के भरतपुर से पत्थर मंगवाए गए। अयोध्या राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में भव्य तरीके से किया गया है। मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर से किया गया है।
मंदिर एक बड़े से प्रांगण से घिरा हुआ है, जिसमें हिंदू देवी देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिरों का भी निर्माण किया गया है। राम मंदिर 161 फीट ऊंचा है, जो कि तीन मंजिलों का है।
इस मंदिर की तीसरी मंजिल पर अयोध्या के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करता हुआ एक संग्रहालय के रूप में बनाया गया है। वहीं दूसरा मंजिल भगवान हनुमान जी को समर्पित है और पहले मंजिल में भगवान श्री राम की प्रतिमा विराजमान होगी।
मंदिर का परिसर 67 एकड़ में फैला हुआ है। रामलला मंदिर परिसर में यज्ञ और हिंदू अग्नि अनुष्ठान के संचालन के लिए एक यज्ञशाला, एक सामुदायिक रसोई और एक चिकित्सा सुविधा भी शामिल की गई है।
राम मंदिर का उद्घाटन तकरीबन 500 साल के लंबे इंतजार और खूब लड़ाई और संघर्षों के बाद आखिरकार राम लला मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो ही गया है।
जब श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आये थे तब दिवाली का त्यौहार मना था वैसे ही इस साल 22 जनवरी को भी भारत में दीपावली की तरह ही एक बड़ा दीप उत्सव मनाया जाएगा।सभी मंदिरों, दरगाह, चर्च, सनातन मंदिर सभी को एक साथ और एक जैसा सजाया जाएगा। इसी दिन शाम को हर गली, मोहल्ले, घर, दुकानों पर दीपक रोशन होंगे हर गली मोहल्ले व मंदिर रौशनी से जगमगा जाएंगे और अँधेरे का नाश होगा। भारत देश में 22 जनवरी को एक शुभ दिन के रूप में मनाएगा।
22 जनवरी 2024 को रामलला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ तारीख तय की गई है। यह कार्यक्रम 12:20 पर होगा। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा।
उसके बाद सभी भक्तजन मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए आ पाएंगे। मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा से एक सप्ताह पहले से ही पूजा पाठ का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।वर्तमान में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर तैयार हो चुका है। अब 22 जनवरी 2024 को रामलला के भव्य मंदिर का उद्घाटन होगा। इस तरह से वर्षों से चल रहे विवाद का अंत हो जाएगा।यह हर भारत वासियों के लिए अति गौरव और आनंद की विषय है |