इस होली को खास बनाएं इन पकवानों के साथ :
भारत में हर त्यौहार मनाने के अलग - अलग तरीके हैं | होली की बात ही कुछ और होती है। यह ऐसा त्यौहार है जिसमें मनाने के अलग-अलग तरीकों के साथ साथ, कई प्रकार के पकवान भी कई तरीकों से बनाये जाती है।आमतौर पर भारतीय खाने और खिलाने के शौकीन होते हैं ,इसलिए हर तीज त्यौहार परअलग अलग प्रकार की मिठाइयों से मेहमान का स्वागत करते हैं | मुँह मीठा करने की परंपरा सिर्फ हम भारतीयों को ही पता है | अब हम बात करते हैं होली त्यौहार में बनाये जाने वाले मुख्य पकवान के विषय में ,होली के त्यौहार में वैसे तो ज्यादा मीठा का ही महत्व रहता है ,हमारी भारतीय महिलाएं कई मिठाइयां अपने हाथों से बनाती हैं | वैसे तो सारी मिठाईयां आपको बाजार में भी मील जाएगी किन्तु अगर आप खुद बनाना चाहते हैं तो हम आपसे कुछ मुख्य पकवान के बारे में बता रहे हैं जिसे आप बना कर जरूर यही कहेगी की , यह बनाना तो बहुत ही मुश्किल लगता था किन्तु बहुत ही आसानी से तैयार हो गया |
गुझिया’ बनाने की विधि :
होली के खास अवसर पर हर घर में गुझिया बनाया जाता है | गुजिया स्वाद में मीठी होती है और इसे कई तरीकों से बनाया जाता है। गुजिया, मावे और सूखे मेवों के मिश्रण को मैदा की परत के भीतर भरकर तैयार की जाती है। इसे काम आंच पर शुद्ध देशी घी में तलकर पकाया जाता है | मावा गुझिया बनाने के लिए सबसे पहले मैदे में ¼ कप घी को अच्छे से मिक्स करें और इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर पूरी बनाने से भी सख्त आटा गूँथ ले। फिर इसे धीरे-धीरे से मसलकर चिकना बनायें और 20 मिनट तक ढ़काकर रखे। इसके बाद स्टफ़िंग तैयार करने के लिए मावा को मध्यम आँच में भूरा होने तक भूनते रहे। फिर इसे प्याले में निकालकर ठंडा होने दे। ठंडा होने के बाद मावा में किशमिश, काजू, नारियल, चीनी, इलाइची और चिरौंजी को अच्छे से मिला ले। इसके बाद आपकी गुझिया की स्टफ़िंग तैयार है। अब आप गुथे हुये आटे की 4 से 4.5 इंच के व्यास तक की पूरी बनाकर इसमें गुझिया की सामग्री भर दीजिये और इसके किनारों पर पानी लगाकर इसे सांचे में आकार दे दें। इसके बाद कढ़ाई में घी गरम करके धीमी मध्यम आँच पर इसमें गुझिया डाले और भूरी होने तक इसे पकाते रहे। इसके बाद इन्हे निकालकर एयर टाइड कंटेनर में रहे ताकि आप इनका लम्बे समय तक आनंद ले सके।
केसरिया खीर बनाने की विधि :
बासमती चावल को आधे घंटे तक भिगोने के लिए छोड़ दे।अगर आप टुकड़ा बासमती चावल का उपयोग करें तो यह और भी अच्छा रहेगा , इसके बाद एक बर्तन में दूध उबालकर इसे अच्छे से पका ले और इसमें से कुछ दूध को एक ग्लास में निकालकर इसमें केसर का मिश्रण कर दे। अब मेवे बादाम और काजू को छोटे-छोटे टुकड़ो में काटकर तैयार के ले। साथ ही इलायची के छिलके को निकालकर इसका पाउडर तैयार कर ले। जब दूध उबलने लगे तो इसमें चावल डाल दे साथ ही एक-एक मिनट के अंतराल पर इसे हिलाते रहे ताकि चावल बर्तन की तली में चिपककर जलने ना लगे। जब 10 मिनट बाद चावल फूलने लगे तो इसमें मेवे बादाम और काजू को छोटे-छोटे टुकड़ो को डालकर इसे अगले 10 मिनट तक पुनः धीमी आंच पर पकायें। अब पुनः 10 मिनट पकाने के बाद इसमें केसरयुक्त दूध का घोल मिलायें और साथ ही पाउडर बनाई हुई इलायची के दानों को डालकर इसे 7 से 8 मिनट तक पकायें।सबसे बाद आप इसमें चीनी मिलाकर एक से दो मिनट तक धीमी आंच में पकायें और इसे गरम-गरम परोस दे।
घेवर बनाने की विधि :
होली के त्यौहार में घेवर को सभी लोग चाव से खाना पसंद करते है ऐसे में अगर आप भी मेहमानो को घेवर खिलाना चाहते है तो होली में आप आसानी से घर में ही इसे इस प्रकार बना सकते है।सबसे पहले किसी बर्तन में मैदा लीजिये और इसके बाद घी में बर्फ के टुकड़े मिलाकर इसे एकदम चिकनी होने तक क्रीम को अच्छी तरह से मिलाते रहिये। इसके बाद बर्फ के टुकड़े हटा दे।अब आप इस मिश्रण में थोड़ा-थोड़ा मैदा मिलाते रहे। इसके बाद जब यह गाढ़ा हो जाये तो इसमें दूध मिला ले साथ ही पानी डालकर इसे धीरे-धीरे घोलते रहे। इसमें सबसे बाद में बटर मिला ले साथ ही लगातार इस मिश्रण को फेंटते जाईये। जब घोल चिकना हो जाये तो समझ ले की अब मिश्रण घेवर बनाने के लिए तैयार है। इसके बाद घेवर बनाने की कढ़ाई में घी गर्म करे और इसमें चमचे में भरकर घोल को पतली धार बनाते हुए डाले। इसके बाद जब इसमें झाग आना बंद हो जाए तो दूसरी परत डाले। इसी तरह से आप सही आकार आने तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहे। घेवर को हल्का भूरा होने तक पकायें और इसके बाद इसे थाली में निकालकर इसे एक के ऊपर एक रख दे। आप मेवे के बारीक़ टुकड़ों को घेवर के ऊपर सजाने के लिए उपयोग करें |
ठंडाई बनाने की विधि :
आप होली के दिन चाहे जितनी मिठाईयां खा लें या मेहमान को खिला दें किन्तु जब तक आप ठंडाई नहीं पिलायेंगे आपकी होली अधूरी रहेगी | गर्मी का सीजन शुरू हो जाता है ऐसे में यह ना सिर्फ होली के त्यौहार का मजा दुगुना कर देती है बल्कि शरीर को भी ताजगी प्रदान करती है। एक बड़े बर्तन में दूध को उबालने के लिए रख दे साथ ही पिस्ता, मगज, खसखस, काजू और बादाम को अच्छी तरह से पीस ले। आप चाहे तो इसका बेहतर मिश्रण बनाने के लिए इसमें थोड़ा सा दूध मिलकर भी इसे पीस सकते है ताकि इसका मिश्रण अच्छे से बन जाए। इसके बाद उबलते हुये दूध में केसर और चीनी को मिलाते हुये इसे कुछ देर तक हिलाते रहे ताकि ये सामग्री दूध में अच्छी तरह से घुल जाए। अब आप दालचीनी, इलायची, काली मिर्च और गुलाब की पंखुड़ियों को बारीक़ पीस ले और इसे दूध में मिला ले। इसके बाद इस पेस्ट और पहले से तैयार किये हुये पेस्ट को दूध के साथ मिलाकर धीमी आंच पर 5 मिनट तक पकाते रहे साथ ही बीच-बीच में इसे हिलाते भी रहे ताकि यह बर्तन की तली से ना चिपके। इसके बाद गैस को ऑफ करके इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दे। पूरा ठंडा होने के बाद ही आप इसमें गुलाब की पंखुड़ियों का फिनिशिंग टच देकर मेहमानो को परोसें |
चटपटे दही बड़े बनाने की विधि :
सबसे पहले उड़द की दाल आठ घंटे के लिए भिगा कर रख दें और उसके बाद ग्राइंडर में दाल, हरी मिर्च, ज़ीरा, हींग डाल कर पीस लें। और पिसी हुई दाल में किशमिश मिलाकर उसके छोटे-छोटे बड़े बना लें। और उसके बाद एक फ्राई पैन में तेल गर्म करें और बड़ों को अच्छी तरह से तल लें।
तले हुए बड़ों को दो से तीन मिनट के लिए पानी में भिगो दें और उसके बाद उन्हें निकाल कर एक बाउल में रख लें। दही को खूब अच्छी तरह से फेंट कर उसमें चीनी और भुना हुआ ज़ीरा मिला दे। और आवश्यकतानुसार दही में पानी मिलाकर गाढ़ा घोल बना लें और उसके बाद दही में बडे डाल कर फ्रीज़ में रख दें।आप को दही बड़े के साथ चटनी भी बनानी है |
चटनी :
चटनी को बनाने के लिए भीगी हुई इमली को मसल कर उसके बीज निकाल दें अब इमली के रस में गुड़ के छोटे-छोटे पीस तोड़ कर डालें। और साथ ही साथ भुना हुआ ज़ीरा, मिर्च पाउडर, स्वादानुसार नमक और आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर दस से पन्द्रह मिनट तक पका लें। पकने पर चटनी न तो ज्यादा गाढ़ी हो और न ही ज्यादा पतली।